कोरोना ने आतंकियों को बनाया मानवीय

संदीप कुमार

 |   04 May 2020 |   13
Culttoday

कोरोना संक्रमण के खतरे ने कई नये बदलाव दुनिया के सामने रखे हैं, इसी कड़ी में एक बदलाव यह आया है कि कई आतंकी संगठन है जो कोरोना के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए आगे आए हैं, ये संगठन कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों को जागरुक करने के साथ ही लोगों को सहायता भी उपलब्ध करा रहे हैं. आफगानिस्तान जैसे देश में जहां कि एक बड़े हिस्से पर तालिबान का कब्जा है, वैसे इलाकों में तालिबान के लड़ाके मुंह पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहने मस्जिद में मौजूद थे. ये लोगों को घरों में रहने, बार-बार हाथ धोने और कहीं भीड़ न जुटाने की सलाह दे रहे हैं. आफगानिस्तान में तालिबान की ओर से बगलान प्रांत में कोरोना वायरस मामलों की जिम्मेदारी संगठन के सदस्य संभाल रहे हैं. इनके अनुसार तालिबान स्वास्थ्य आयोग की तरफ से निर्देश दिये गये हैं कि जिन प्रांतों में तालिबान का कब्जा है, वहां कोरोना वायरस को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए. लोगों की मदद की जाए... अफगानिस्तान मामलों के कुछ पत्रकार बताते हैं कि कोरोना वायरस से लड़ाई में तालिबान अफगान सरकार से कहीं बेहतर काम कर रहा है. सरकार के पास पीपीई किट की बड़ी कमी देखने में आयी है, लेकिन आतंकी संगठन के पास ऐसी कोई समस्या नहीं है.

तालिबान की तरह ही मध्यपूर्व और अफ्रीका देशों में भी आतंकी संगठन, विद्रोही गुट और अपराधी गिरोह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आगे आये हैं. इनमें से कई यह काम सरकार से बेहतर ढंग से कर रहे हैं.

ब्राजील के रियो डी जिनेरियो में स्थित ‘सिटी ऑफ़ गॉड’ दुनिया की सबसे बड़ी स्लम बस्तियों में से एक है. यह सैकड़ों किलोमीटर में फैली हुई है. ब्राजील में शराब और ड्रग्स के सबसे बड़े तस्कर गैंग इसी बस्ती में रहते हैं. यह बस्ती गैंगवॉर्स के लिए भी चर्चित है. बीते महीने ‘सिटी ऑफ़ गॉड’ में कोरोना वायरस का एक संक्रमित पाया गया. लेकिन, ब्राजील की सरकार द्वारा इसके बाद भी बस्ती में जागरूकता अभियान, कोरोना की जांच या लॉकडाउन जैसा कोई कदम नहीं उठाया गया. ‘सिटी ऑफ गॉड’ के तमाम गैंग्स ने दुश्मनी भुलाकर मोर्चा संभाला और पूरी बस्ती में कर्फ्यू की घोषणा कर दी. यहां लोगों को चेतावनी दी गयी है कि अगर वे घरों से बाहर निकले तो उन्हें कठोर सजा दी जायेगी. इन गैंग्स की तरफ से कर्फ्यू के दौरान लोगों की मदद भी की जा रही है.

लेबनान में आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए कमर कस ली है. संगठन ने 1,500 डॉक्टर, 3,000 नर्स और पैरामेडिक्स और अपने 20,000 से अधिक लड़ाके कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लगाए हैं. हिजबुल्लाह के लड़ाके पूरे देश में सैनिटाइजेशन का काम भी संभाले हुए हैं और कई तरह से जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं.

दुनिया के सबसे बड़े आतंकी संगठन अलकायदा ने बीते हफ्ते कोरोना वायरस को लेकर छह पन्नों का एक पत्र जारी किया. इसमें दुनिया भर के मुसलमानों को सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है. यह भी कहा गया है कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपने जाल में जकड़ लिया है और यह मुस्लिम जगत में भी छा रहा है. संगठन ने मुस्लिम देशों को चेताते हुए आगे कहा है, ‘इस वायरस का मुस्लिम देशों में फैलना हमारे पाप, अश्लीलता और नैतिक भ्रष्टाचार का नतीजा है.’

अफ्रीका के पूर्वी हिस्से में स्थित सोमालिया के आतंकी संगठन अल-शबाब का देश के कई हिस्सों पर कब्जा है. यह संगठन वहां की सरकार जिसे अमेरिकी वायुसेना का समर्थन हासिल है, के खिलाफ सालों से लड़ रहा है. बीते महीने संगठन के बड़े कमांडरों के बीच एक बैठक हुई जिसके बाद मुसलमानों के लिए कोरोना वायरस बचने के दिशा-निर्देश जारी किये गए. अल-शबाब के कब्जे वाले इलाकों में सरकारी एजेंसियों की पहुंच नहीं है, इस वजह से इन इलाकों में आतंकी संगठन ने ही कोरोना वायरस के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है.

इस्लामिक ग्रुप हमास का इजरायल में गाजा पट्टी पर कब्जा है. इस संगठन ने भी कोरोना से निपटने के लिए कई तरह से तैयारी की है. हमास ने लॉकडाउन और कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ यहां कोरोना की जांच की व्यवस्था भी की है और गाजा पट्टी में दो बड़े क्वारंटीन सेंटर भी खोले हैं.

उधर उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया में विद्रोही गुट ने अपने कब्जे वाले इलाकों में एहतियात के तौर पर शाम के छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है. इस कोरोना संक्रमण के संकट के इस दौर में आतंकी संगठनों का मानवीय चेहरा एक नये रूप में देखने को मिल रहा है.

 


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