ट्रंप की धमकी- नुकसान पहुंचाया तो ईरान के 52 ठिकानें कर देंगे तबाह

संदीप कुमार

 |  05 Jan 2020 |   72
Culttoday

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ईरान को कड़ी चेतावनी दी है. ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान ने फिर से हमला कर हमारे लोगों और ठिकानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो हम उसके 52 ठिकानों को एक झटके में ध्वस्त कर देंगे. ट्रंप ने कहा कि ईरान के 52 ठिकाने हमारे निशाने पर हैं, जो ईरान और ईरानी संस्कृति के लिए काफी अहमियत रखते हैं. हम किसी भी तरह के हमले का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान कुछ अमेरिकी संपत्तियों को निशाना बनाने के बारे में बहुत साहस के साथ बात कर रहा है. वह अपने आतंकवादी नेता की हत्या का बदला लेने की बात कह रहा है जिसने अपने पूरे जीवन में अमेरिकी लोगों की हत्या की और कईयों को बुरी तरह घायल किया. यहां उन सभी पीड़ितों का नाम यहां लेने की जरूरत नहीं.

बता दें कि शनिवार देर रात ईरान के क्योम प्रांत की प्राचीन जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा लगाया गया, जिसका मतलब युद्ध की शुरुआत या युद्ध के लिए तैयार रहने की चेतावनी है. वहीं, इसके कुछ घंटों बाद ही इराक में अमेरिकी दूतावास और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर रॉकेट और मोर्टारों से चार हमले किए गए.  

यूनाइटेड किंगडम ने कहा कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका के एक शीर्ष ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद उपजे जंग के हालातों के बीच मध्य पूर्व में अपने जहाज भेजेगा. उसका कहना है कि मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने के बीच ब्रिटिश नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिहाज से वह स्ट्रेट होर्मुज पर अपने दो युद्धपोत तैनात करेगा.

ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस ने ट्वीटर पर एक पोस्ट में लिखा, 'मैंने युद्धपोत एचएमएस मोंट्रोस और एचएमएस डिफेंडर को तैयारी के लिए निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार इस समय हमारे जहाजों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी.'

इससे पहले अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए ईरान ने अमेरिका के खिलाफ अघोषित युद्ध का ऐलान कर दिया है. शनिवार को ईरान के क्योम प्रांत की प्राचीन जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा लगाया, जिसका मतलब युद्ध की शुरुआत या युद्ध के लिए तैयार रहने की चेतावनी है.

वहीं, इसके कुछ घंटों बाद ही इराक में अमेरिकी दूतावास और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर रॉकेट और मोर्टारों से चार हमले किए गए. दूसरी ओर, इन हमलों के तुरंत बाद अमेरिका ने कहा है कि हम इसके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.

इराकी सेना के मुताबिक पहला हमला कड़ी सुरक्षा वाले ग्रीन जोन में अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाकर किया गया. एक मोर्टार दूतावास के करीब सेलीब्रेशंस स्क्वॉयर पर और दूसरा रिहाइशी इलाके जदरिया में एक घर पर गिरा, जिसमें पांच लोग घायल हो गए.

ग्रीन जोन में सरकारी दफ्तर और विभिन्न देशों के दूतावास हैं. दूसरा हमला बगदाद से 80 किमी दूर सलाउद्दीन प्रांत के अलबलाद एयरबेस पर हुआ. शनिवार को ही अमेरिकी सेना यहां पहुंची थी. एयरबेस पर चार रॉकेट दागे गए, जो दक्षिणी दरवाजे के बाहर गिर गए. इसके तुरंत बाद सर्विलांस ड्रोन हमलावरों की तलाश में उड़ान भरने लगे.

तीसरा हमला उत्तरी इराक के मोसुल शहर में किन्डी एयरबेस पर हुआ. यहां भी मोर्टार दागे गए. देर रात बगदाद में पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के महलों में बने अमेरिकी सेना के ठिकानों पर मोर्टार दागे गए. इन हमलों के बाद अमेरिकी लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर से बगदाद की निगरानी शुरू कर दी गई.

ईरान की एलीट रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर अबुहमजेह ने कहा, हमने तेल अबीब सहित मध्यपूर्व (पश्चिम एशिया) के ऐसे 35 अमेरिकी ठिकानों को चिह्नित किया है. उन्होंने होरमुज की खाड़ी को पश्चिमी देशों के लिए अहम बिंदु बताते हुए इस क्षेत्र में हमलों के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी. अबुहमजेह ने कहा हम जहां भी अमेरिकियों को देखेंगे उन्हें सबक सिखाएंगे.

ईरान के जवाबी हमले के बीच अमेरिका भी पूरी तरह सतर्क है. मध्यपूर्व में चौकसी बढ़ाने के साथ ही ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी संसद को बताया है कि ईरान एक हफ्ते के अंदर बदले की कार्रवाई कर सकता है.

अमेरिका ने इराक में और बल भेजने का संकल्प लिया है और दूसरी ओर, ट्रंप ने कहा है कि वह युद्ध नहीं चाहते हैं. इस बीच संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत मजीद तख्त रवांची ने ‘सीएनएन’ से कहा कि ये हमले ‘अमेरिका की ओर से युद्ध की कार्रवाई’ ही हैं. ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच ये हमले नाटकीय घटनाक्रम हैं.

वहीं, अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी सैन्य कमांडर की मौत के बाद निजी रिसॉर्ट में नए साल की छुट्टी मना रहे ट्रंप मीडिया से मुखातिब हुए और कहा कि हम सुलेमानी के आतंक का शिकार हुए लोगों को याद करते हैं.

वह पिछले 20 वर्ष से मध्य-पूर्व को अस्थिर करने के लिए आतंकी साजिशों को अंजाम दे रहा था. उसने लंदन और दिल्ली में बड़े हमले की साजिश रची. हाल ही में सुलेमानी ने ईरान में प्रदर्शनकारियों के क्रूर दमन का नेतृत्व किया. वहां 1,000 से अधिक निर्दोष नागरिकों को यातनाएं दीं और मार डाला गया. 


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