भविष्य में ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत बनेगी नेचुरल गैस हाइड्रेट
जलज वर्मा
| 13 Jan 2017 |
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भारत में नेचुरल गैस हाइड्रेट का भारी स्टॉक है. अनुमान के मुताबिक, देश में 30 हजार टीसीएफ नेचुरल गैस हाइड्रेट उपलब्ध है. भविष्य में जब ऊर्जा के सभी स्रोत समाप्त हो जाएंगे, तब यह सबसे उपयोगी विकल्प बनेगी. आईआईटी आईएसएम के पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग ने इस विषय पर शोध शुरू किया है. इस प्रोजेक्ट पर फिलहाल विभाग के तीन रिसर्च स्कॉलर काम कर रहे हैं. पहले चरण में इसके दोहन के मॉडल पर काम हो रहा है. विभाग के प्रो टी कुमार ने बुधवार को बताया कि अभी कोई भी देश नेचुरल गैस हाइड्रेट का दोहन शुरू नहीं कर सका है. आईआईटी आईएसएम काफी बेहतर और सही दिशा में काम कर रहा है. ऐसे में क्राइसिस के समय पूरा विश्व ऊर्जा के विकल्प के लिए भारत की ओर देखेगा. विभाग के डॉ आशुतोष ने बताया कि जमीन के अंदर पानी बर्फ के रूप में है. उसके नीचे भारी मात्रा में मिथेन गैस फंसी हुई है. इस गैस को ही नेचुरल गैस हाइड्रेट कहा जाता है. आईएसएम समेत पूरा विश्व इस बर्फ के नीचे से मिथेन गैस को निकालने और ऊर्जा स्रोत के रूप में उसके उपयोग पर शोध कर रहा है. देश के कोयला खदानों से मिथेन का उत्पादन और उसका ऊर्जा के स्रोत के रूप में उपयोग शुरू हो गया है. पहले चरण में दुर्गापुर और मध्य प्रदेश के सहडोल में यह प्रयोग किया जा रहा है. जल्द ही धनबाद समेत देश के कई अन्य क्षेत्रों में भी उपयोग शुरू कर दिया जाएगा. प्रो टी कुमार ने बताया कि आईआईटी आईएसएम में भी 10 रिसर्च स्कॉलर इस विषय पर काम कर रहे हैं.
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