धर्म की सेवा मन की श्रद्धा से होती है : जैन संत
जलज वर्मा
| 24 Jan 2017 |
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दिगंबर जैन मंदिर पर वेदी प्रतिष्ठा, कलशारोहण विश्वशांति महायज्ञ का शुभारंभ जैन मुनिराज वसु नंदी महाराज के सानिध्य में किया गया. इस दौरान अनेक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया. कस्बे के दिगंबर जैन मंदिर पर सुबह सात बजे ध्वजारोहण निर्मल कुमार जैन द्वारा किया गया. इसके बाद जैन मंदिर पुरानी अनाज मंडी से कलश यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें सकल जैन समाज की महिलाओं ने बैंडबाजों के साथ कलश यात्रा में भाग लिया. उक्त यात्रा दिगंबर जैन मंदिर से चंद्रप्रभु जैन मंदिर पहुंची, जहां से पूजा-अर्चना के बाद कस्बे के मुख्य बाजारों से होकर दिगंबर जैन मंदिर पहुंची. इस दौरान महाआरती का आयोजन भी किया गया. कार्यक्रम के दौरान सुबह 11 बजे जैन आचार्य वसु नंदी एवं मुनिसंघ द्वारा प्रवचन का आयोजन किया गया, जिसमें आचार्य ने धर्म की महत्वता के बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि मनुष्य को अन्य आवश्यकताओं की तरह धर्म को भी आवश्यक मानना चाहिए तथा उसकी सेवा सच्चे मन से करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि समवाले सभी लोगों के पास स्थिति सम नहीं होती हैं फिर भी लोग अपनी श्रद्धा से धर्म की सेवा करते हैं. धर्म की सेवा का तात्पर्य केवल अर्थ दान से ही नहीं होता बल्कि तन और मन से भी होती है. कार्यक्रम के दौरान प्रतिष्ठाचार्य पं. मनोज शास्त्री सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे. मंगलवार को उक्त कार्यक्रम में मंडल प्रतिष्ठा विधान का कार्यक्रम किया जाएगा.
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