महाकुंभ में 13 अखाड़ों के साधु संत, धर्म ध्वजा की स्थापना में योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति

जलज वर्मा

 |   27 Dec 2024 |   3
Culttoday

2025 का महाकुंभ 13 जनवरी से प्रयागराज के संगम तट पर शुरू होने जा रहा है, और इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। महाकुंभ का यह आयोजन न केवल हिन्दू धर्म के धार्मिक महत्व को बढ़ाता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और आस्था का भी बेजोड़ उत्सव बनता है। इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए भारत के प्रमुख 13 अखाड़ों के साधु संत प्रयागराज पहुंच रहे हैं, और इन अखाड़ों के नगर प्रवेश के बाद धर्म ध्वजा की स्थापना की जाएगी। यह आयोजन हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धा, एकता और विश्वास का प्रतीक बनेगा।

धर्म ध्वजा की स्थापना महाकुंभ के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में मानी जाती है। यह न केवल अखाड़ों के आस्थाओं और परंपराओं को प्रदर्शित करने का अवसर है, बल्कि यह हिन्दू धर्म के शौर्य और गौरव का प्रतीक भी है। विशेष रूप से, वैष्णव परंपरा के तीन प्रमुख अखाड़ों, निर्मोही, निर्वाणी और दिगंबर, अपने-अपने धर्म ध्वजाओं के साथ इस बार के महाकुंभ में भाग लेंगे। 28 दिसंबर को इन तीनों अखाड़ों की धर्म ध्वजा की स्थापना होगी, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सम्मिलित होंगे। यह कार्यक्रम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि योगी आदित्यनाथ गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं और उनकी उपस्थिति इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ाएगी।

अखाड़ों की धर्म ध्वजाएं एक ही ईष्ट देव, हनुमान जी के प्रतीक के रूप में स्थापित होती हैं, लेकिन उनके रंग और स्वरूप में भिन्नताएं हैं, जो प्रत्येक अखाड़े की पहचान को दर्शाती हैं। निर्मोही अखाड़े की धर्म ध्वजा सफेद रंग की होती है, जिसे शांति और सद्भाव का प्रतीक माना जाता है। यह रंग समाज में शांति और एकता की आवश्यकता को व्यक्त करता है। वहीं, निर्वाणी अखाड़े की धर्म ध्वजा केसरिया लाल रंग की होती है, जो शौर्य, वीरता और पराक्रम का प्रतीक है। इस रंग के माध्यम से अखाड़ा अपने सदस्यों को साहस और संघर्ष की प्रेरणा देता है।

दिगंबर अखाड़े की धर्म ध्वजा पंच रंगों की होती है, जो विशेष रूप से अपनी व्यापकता और समावेशिता के लिए जानी जाती है। पांच रंगों का चयन इस संदेश के लिए किया गया है कि सभी वर्गों और समुदायों को एक साथ जोड़कर समाज में शांति, सद्भाव और धर्म का प्रचार करना चाहिए। यह ध्वजा सिर्फ परंपरा का प्रतीक नहीं, बल्कि एक सामाजिक और धार्मिक एकता का संदेश भी देती है। इसके अलावा, हर अखाड़े की धर्म ध्वजा जिस लकड़ी पर लगाई जाती है, उसका रंग भी अलग होता है, जो धर्म और संस्कृति की गहरी समझ को दर्शाता है। निर्मोही अखाड़े की लकड़ी सफेद रंग की होती है, जबकि निर्वाणी अखाड़े की लकड़ी केसरिया रंग की होती है।

महंत राम जी दास के अनुसार, उनका अखाड़ा सनातन धर्म की रक्षा के लिए कार्य करता है और हर उस व्यक्ति का स्वागत करता है जो इस धर्म और संस्कृति का सम्मान करता है। हालांकि, जो लोग हिन्दू धर्म और इसकी परंपराओं पर हमला करते हैं, उनका जवाब नागा संन्यासी देते हैं। यह बात इस बात को दर्शाती है कि अखाड़ा न केवल धार्मिक आस्थाओं का संरक्षक है, बल्कि वह समाज में होने वाली नकारात्मकताओं और आस्थाओं पर भी नजर रखता है।

महाकुंभ के दौरान धर्म ध्वजा की यह स्थापना न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह एक बड़ा सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश भी है। यह आयोजन समाज में एकता, विश्वास और धार्मिक सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

 


RECENT NEWS

संवेदनाओं की छन्नी से छन कर निकले शब्द
बृहस्पति कुमार पाण्डेय |  26 Nov 2020 |  
दीवाली से जुड़े रोचक तथ्य
योगेश कुमार गोयल |  13 Nov 2020 |  
संतान के कष्ट हरता है अहोई अष्टमी व्रत
योगेश कुमार गोयल |  07 Nov 2020 |  
बेशर्म (लघुकथा)
डॉ पूरन सिंह |  06 Nov 2020 |  
नारी सब पर है भारी
पी के तिवारी |  21 Oct 2020 |  
अपने अपने राम
प्रज्ञा प्रतीक्षा तिवारी |  15 Oct 2020 |  
टूटता संयुक्त परिवार का ढ़ाचा
लालजी जायसवाल |  15 Oct 2020 |  
अभिनय के ऋषि
श्रीराजेश |  04 May 2020 |  
तुम लड़े और लड़े, खूब लड़े
श्रीराजेश |  04 May 2020 |  
कोरोना संकटः राजनीति फ्राम होम
कल्ट करंट डेस्क |  03 May 2020 |  
2019 में गई 38 बाघों की जान
कल्ट करंट डेस्क |  04 Jan 2020 |  
सरकार देगी शिक्षा की परीक्षा
संजय श्रीवास्तव |  03 Jan 2020 |  
देवताओं के संगीतकार व गायक तुम्बुरु
कल्ट करंट डेस्क |  02 Jan 2020 |  
भारत की भाषाई विविधता में एकता
बिभाष श्रीवास्तव |  04 Oct 2018 |  
To contribute an article to CULT CURRENT or enquire about us, please write to editor@cultcurrent.com . If you want to comment on an article, please post your comment on the relevant story page.
All content © Cult Current, unless otherwise noted or attributed. CULT CURRENT is published by the URJAS MEDIA VENTURE, this is registered under Chapter V of the Finance Act 1994. (Govt. of India)