पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से हटने के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले से विश्व नेता स्तब्ध हैं. लेकिन जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने जलवायु परिवर्तन से निपटने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है.
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि ट्रंप की घोषणा के बाद पेरिस समझौते से जुड़े सभी पक्षों को "भविष्य की तरफ देखना है". उन्होंने कहा, "हम पहले से कहीं ज्यादा संकल्प के साथ अपनी ऊर्जा जर्मनी, यूरोपीय संघ और दुनिया में लगाएंगे ताकि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटा जा सके. हमें सृजन को संरक्षित रखने के लिए पेरिस समझौते की जरूरत है, जैसा हम जानते हैं."
जर्मन चांसलर ने कहा कि उनकी सरकार और जर्मनी पेरिस समझौते के तहत निर्धारित अपनी जिम्मेदारियों को निभाते रहेंगे और ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण विकासशील देशों के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने में मदद की प्रतिबद्धताओं को पूरा करते रहेंगे.
चांसलर मैर्केल ने कहा, "पेरिस समझौता दुनिया भर के देशों के बीच सहयोग की एक आधारशिला है, यह समझौता अत्यावश्यक है... हमने 20 साल से भी ज्यादा समय पहले जिसकी शुरुआत की थी, उस दिशा में पेरिस में एक बड़ी कामयाबी मिली थी और यह सफल होगी. रास्ता उबड़ खाबड़ होगा लेकिन पीछे लौटने का सवाल ही नहीं उठता जो लोग हमारे ग्रह की वाकई चिंता करते हैं, मैं उनसे कहती हूं: आइए मिलकर इस रास्ते पर आगे बढ़ते रहें, ताकि हम अपनी धरती माता के लिए सफल हो सकें."
मैर्केल ने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका की कई बड़ी कंपनियों ने भी ट्रंप के फैसले पर नाखुशी जताई है और उन्होंने पर्यावरण की खातिर अपनी प्रतिबद्धताओं पर कायम रहने का फैसला किया है. चांसलर ने कहा कि वह इस बात से उत्साहित हैं कि कितनी सारी कंपनियां और खासकर अमेरिकी कंपनियां "हमारे साथ इस रास्ते पर आगे बढ़ना चाहती हैं". उन्होंने कहा, "अमेरिका का फैसला उन लोगों को न रोक सकता और न रोकेगा जो इस ग्रह के बचाने के लिए अपनी जिम्मेदारी समझते हैं."