Cult Current ई-पत्रिका (फरवरी, 2025) क्वांटम टेलीपोर्टेशनःएक अद्भुत वैज्ञानिक उपलब्धि
संदीप कुमार
| 01 Feb 2025 |
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जब हम बात करते हैं क्वांटम टेलीपोर्टेशन की तो शायद सबसे पहले दिमाग में 'टेलीपोर्टेशन' शब्द आता है, जो हमें साइंस फिक्शन फिल्मों के पात्रों की याद दिलाता है जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर तुरंत पहुँच जाते हैं। हालांकि, यहाँ मामला कुछ अलग है। क्वांटम टेलीपोर्टेशन का मतलब है, क्वांटम अवस्था को एक स्थान से दूसरे स्थान पर बिना भौतिक रूप से भेजे पहुंचाना। यह क्वांटम एंटैंगलमेंट के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें दो कणों की अवस्थाएं आपस में जुड़ी रहती हैं, चाहे वे कितनी भी दूर क्यों न हों। इस तकनीक का उपयोग भविष्य में क्वांटम कंप्यूटिंग, क्रिप्टोग्राफी, और अन्य महत्वपूर्ण नेटवर्किंग कार्यों में होगा। इस प्रयोग ने इस प्रक्रिया को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है, क्योंकि अब यह प्रदर्शित किया गया है कि क्वांटम सिग्नल को एक ही फाइबर में पारंपरिक ऑप्टिकल ट्रैफिक के साथ भेजा जा सकता है।
प्रयोग की महत्वपूर्ण विशेषताएं:
इस प्रयोग में, क्वांटम टेलीपोर्टेशन को 30.2 किलोमीटर लंबे ऑप्टिकल फाइबर के जरिए पूरा किया गया, जिसमें पारंपरिक संचार ट्रैफिक भी चल रहा था। इस फाइबर में 400 गीगाबिट प्रति सेकंड की क्लासिकल ट्रैफिक यानी परंपरागत डेटा ट्रांसफर हो रहा था। क्वांटम अवस्था को सफलतापूर्वक एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा गया, और इसके लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक 'बेल स्टेट मापन' का उपयोग किया गया। इस प्रयोग की सबसे खास बात यह रही कि क्वांटम सिग्नल को इस तरह भेजा गया कि इसे उच्च शक्ति के क्लासिकल सिग्नल से कोई नुकसान नहीं हुआ। इसे समझने के लिए हम पौराणिक कथा 'समुद्र मंथन' का उदाहरण ले सकते हैं, जिसमें अमृत और विष दोनों साथ में थे, लेकिन दोनों को अलग-अलग प्रकार से संभाला गया। इसी प्रकार, इस प्रयोग में क्वांटम और पारंपरिक सिग्नल को एक साथ संभालने का तरीका खोजा गया।
क्वांटम नेटवर्क और पारंपरिक नेटवर्क का संगम
वर्तमान में, जो इंटरनेट नेटवर्क हम उपयोग करते हैं, वह ऑप्टिकल फाइबर पर आधारित होता है। इसमें डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए प्रकाश की तरंगों का उपयोग किया जाता है। लेकिन क्वांटम नेटवर्क को सक्षम करने के लिए हमें ऐसे नेटवर्क की आवश्यकता होती है, जिसमें क्वांटम सिग्नल को भी भेजा जा सके। अब तक इस तरह के नेटवर्क को अलग से तैयार करने की जरूरत थी, जिससे बहुत अधिक लागत आती थी। लेकिन इस प्रयोग ने साबित कर दिया कि क्वांटम और पारंपरिक सिग्नल को एक ही ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से भेजा जा सकता है, जिससे लागत और बुनियादी ढांचे को बड़ा लाभ मिलेगा। यह बिल्कुल वैसा है, जैसे एक सड़क पर साइकिल और तेज गति वाली कारें एक साथ चलें, लेकिन दोनों का सफर सुरक्षित हो। वैज्ञानिकों ने इस चुनौती को सफलतापूर्वक पार कर लिया है। इसके लिए उन्होंने 'स्पोंटेनियस रमन स्कैटरिंग' नामक एक चुनौती को हल किया, जो उच्च शक्ति वाले क्लासिकल सिग्नल से पैदा होती है और क्वांटम सिग्नल को नुकसान पहुंचा सकती है। इस समस्या से निपटने के लिए विशेष ऑप्टिकल फिल्टर और समय के अनुसार सही समायोजन का उपयोग किया गया।
क्वांटम और क्लासिकल नेटवर्क के फायदे
इस सफल प्रयोग से कई नए दरवाजे खुलेंगे। सबसे पहले, यह क्वांटम नेटवर्क को वास्तविक जीवन में लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। भविष्य में, हम क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम एन्क्रिप्शन जैसी तकनीकों का उपयोग कर सकेंगे, जो वर्तमान कंप्यूटिंग तकनीक से कहीं अधिक सुरक्षित और शक्तिशाली होंगी। यह तकनीक डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। सनातन पौराणिक कथाओं में, हम 'गुप्तज्ञान' का उल्लेख पाते हैं, जैसे कि भगवान विष्णु ने देवताओं को अमरता का गुप्त ज्ञान दिया था। उसी तरह, क्वांटम नेटवर्क गुप्त रूप से सुरक्षित डेटा ट्रांसफर का भविष्य है। इसे सरल शब्दों में समझा जा सकता है कि जैसे अमृत को छिपाकर रखा गया था, ताकि कोई गलत हाथों में न जाए, वैसे ही क्वांटम क्रिप्टोग्राफी डेटा को सुरक्षित रखेगी और उसे किसी भी प्रकार के साइबर हमले से बचाएगी।
भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ
हालांकि इस प्रयोग ने काफी सफलता हासिल की है, लेकिन अभी भी कई चुनौतियां सामने हैं। क्वांटम सिग्नल को बिना किसी विकृति के लंबे समय तक बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। इसके अलावा, यह तकनीक वर्तमान में बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए महंगी हो सकती है। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, तकनीक में और सुधार होगा, और इसकी लागत कम होगी। पौराणिक कथाओं में कहा जाता है कि हर युग में एक नया अवतार आता है जो मानवता के लिए नई दिशा दिखाता है। उसी तरह, तकनीकी क्षेत्र में भी क्वांटम नेटवर्क एक नया अवतार है, जो भविष्य में हमारे जीवन को नए सिरे से परिभाषित करेगा।
क्वांटम और पारंपरिक नेटवर्क का यह संगम एक विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह प्रयोग हमें एक ऐसे भविष्य की ओर ले जा रहा है, जहां क्वांटम नेटवर्क न केवल इंटरनेट की गति और क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि डेटा की सुरक्षा को भी मजबूत बनाएगा। जैसे महाभारत में अर्जुन ने कृष्ण के साथ मिलकर युद्ध की रणनीति बनाई थी, वैसे ही यह तकनीक हमारी डिजिटल दुनिया में नए प्रकार की सुरक्षा और तेज गति की रणनीति लेकर आएगी।
अभी यह शुरुआत है, और भविष्य में हम इस तकनीक के और भी अद्भुत और चौंकाने वाले परिणाम देखेंगे।