अब कनॉट प्लेस में दिखेगा देशी-विदेशी संस्कृति का अनूठा संयोजन

जलज वर्मा

 |  13 Jan 2017 |   85
Culttoday

दुनिया के 22 देशों में लोकप्रियता की बुलंदिया छूने के बाद भारत में दर्शकों को अपनी जादुई दुनिया से रूबरू कराने के लिए यहां खुलने जा रहा विश्व प्रसिद्ध मैडम तुसाद संग्रहालय में विदेशी और भारतीय संस्कृति का अनूठा संयोजन देखने को मिलेगा. संग्रहालय इस साल जून तक राजधानी के कनॉट प्लेस में खुलेगा. 

समाज के हर क्षेत्र से जुड़ी जानी-मानी हस्तियों की जीवंत सी मोम प्रतिकृतियां बनाने के लिए दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वाला मैडम तुसाद संग्रहालय ब्रिटेन की इंटरनेमेंट कंपनी मर्लिन एंटरटेनमेंट का सबसे मशहूर ब्रांड है. भारत में कंपनी का यह 23वां संग्रहालय होगा. 

कंपनी की भारतीय इकाई के महाप्रबंधक और निदेशक अंशलु जैन ने गुरुवार को यहां बताया कि भारत मनोरंजन उद्याेग का बड़ा बाजार है. इसे ध्यान में रखते हुए ही कंपनी ने इसे संग्रहालय बनाने के लिए चुना. उन्होंने कहा कि संग्रहालय में लगाई जाने वाली मोम की प्रतिकृतियों में से यहां फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, लेडी गागा और मैडम तुसाद की प्रतिकृतियां संवाददाताओं के लिए प्रदर्शित की गईं. संग्रहालय में एक समय में करीब 500 दर्शक प्रवेश ले सकेंगे. टिकट की विभिन्न दरें होंगी लेकिन वे किफायती होंगी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देख सकें. 

कंपनी के विपणन निदेशक मार्सेल क्लूस ने कहा, ‘मैडम तुसाद संग्रहालय का भारत जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश में लाना वाकई दिलचस्प अनुभव होगा. यह भारत की जनता के लिए मनोरंजन के नए विकल्प लेकर रहा है जो उन्हें अपने सितारों की दुनिया से मिलने का अनुभव कराएगा.’ 

जैन ने बताया कि इन मोम प्रतिकृतियों को जीवंत दिखाने के लिए कड़ी मेहनत और कलाकारी की आवश्यकता पड़ती है. जिस जीवित शख्सियत की मोम प्रतिकृति तैयार की जाती है उसके शरीर का विभिन्न कोणों से करीब डेढ़ सौ से ज्यादा माप ली जाती हैं. और सिर पर असली बाल एक-एक कर लगाए जाते हैं. इसके साथ ही शरीर के स्किन का सही रंग लाने के लिए इन पर रंगों की अनगिनत परतें और शेड्स लगाए जाते हैं. 

दिल्ली के संग्रहालय में शुरुआती तौर पर इतिहास, खेलकूद, संगीत, फिल्म और टेलीविजन के क्षेत्र की 50 से अधिक प्रभावशाली शख्सियतों की मोम प्रतिकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी. इनमें 60 प्रतिशत भारतीय शख्सियतें होगी जबकि 40 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की प्रतिकृतियां होगी. उन्होंने कहा कि मोम की प्रत्येक प्रतिकृति डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की लागत से लंदन में बनाई जा रही हैं. कुछ बनकर तैयार हैं और कुछ अंतिम चरण में हैं. 


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