भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और विख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। डॉ. सिंह का भारतीय अर्थव्यवस्था पर ऐसा अमिट प्रभाव है जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। 1991 में वित्त मंत्री रहते हुए उनके द्वारा पेश किया गया ऐतिहासिक बजट भारत के आर्थिक इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ। उनके आर्थिक सुधारों ने न केवल देश की दिशा और दशा बदल दी, बल्कि भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ने का मार्ग प्रशस्त किया।
डॉ. मनमोहन सिंह की इस अपार उपलब्धि को याद करते हुए उद्योग जगत की कई प्रमुख हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। गौतम अडानी, हर्ष गोयनका और आनंद महिंद्रा जैसी प्रमुख उद्योगपतियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनके योगदान को सराहा।
गौतम अडानी की श्रद्धांजलि
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, "डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुखी हूं। इतिहास हमेशा 1991 के उन क्रांतिकारी सुधारों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को याद रखेगा, जिन्होंने भारत को नया आकार दिया और दुनिया के लिए इसके दरवाजे खोले।" अडानी ने आगे कहा, "डॉ. सिंह एक ऐसे दुर्लभ नेता थे जो नरम आवाज़ में बोलते थे, लेकिन उनके कामों से बड़ी उपलब्धियां हासिल हुईं। उनका जीवन नेतृत्व, विनम्रता और राष्ट्र की सेवा में एक मास्टरक्लास है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।"
हर्ष गोयनका की संवेदनाएं
आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने डॉ. सिंह को याद करते हुए एक्स पर लिखा, "पूरा देश डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा है। वह एक सच्चे राजनेता थे, जिनका शांत व्यवहार उनके क्रांतिकारी योगदान को दर्शाता था। आर्थिक सुधारों के शिल्पी डॉ. सिंह ने बुद्धिमानी, शालीनता और ईमानदारी के साथ आधुनिक भारत को आकार दिया। वह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने शब्दों से अधिक अपने कामों से बात की।"
हर्ष गोयनका ने आगे कहा कि डॉ. सिंह की दूरदर्शिता और उनकी आर्थिक नीतियों ने भारत को उस रास्ते पर डाला जहां से देश निरंतर प्रगति कर रहा है। उनकी सादगी और प्रतिबद्धता उनके व्यक्तित्व की अनूठी विशेषताएं थीं, जिसने उन्हें राजनीति और अर्थशास्त्र दोनों में अत्यंत सम्मानित स्थान दिलाया।
आनंद महिंद्रा की श्रद्धांजलि
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी डॉ. सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "अलविदा डॉ. मनमोहन सिंह। आपने इस देश को गहराई से प्यार किया और देश के लिए आपकी सेवा लंबे समय तक याद की जाएगी। ओम शांति।" महिंद्रा ने डॉ. सिंह के योगदान को देश के आर्थिक परिदृश्य में एक स्थायी धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह के सुधारों ने भारतीय उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने का अवसर दिया और उनके नेतृत्व में देश ने वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
अर्थव्यवस्था में डॉ. सिंह का योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में उस समय भारत की बागडोर संभाली जब देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। उस दौर में भारत की आर्थिक स्थिति अत्यधिक कठिन थी और विदेशी मुद्रा भंडार न्यूनतम स्तर पर आ गया था। डॉ. सिंह की दूरदर्शिता और साहसिक नीतियों ने भारत को उस संकट से बाहर निकाला। उन्होंने आर्थिक उदारीकरण, वैश्वीकरण और निजीकरण को बढ़ावा दिया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने का अवसर मिला। उनके सुधारों के परिणामस्वरूप भारत की आर्थिक प्रगति की गति तेज हुई और देश एक नई आर्थिक दिशा में अग्रसर हुआ।
डॉ. सिंह का व्यक्तित्व और विरासत
डॉ. मनमोहन सिंह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने न केवल अपने कार्यों से बल्कि अपने व्यक्तित्व से भी लोगों को प्रभावित किया। उनकी सादगी, ईमानदारी और विनम्रता ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक विशेष स्थान दिलाया। वह न केवल एक कुशल अर्थशास्त्री थे, बल्कि एक महान राजनेता भी थे जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा देश की सेवा में बिताया। डॉ. सिंह का जीवन और उनकी नीतियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेंगी।
उनके निधन पर उद्योग जगत ने जो श्रद्धांजलि अर्पित की है, वह उनके असाधारण योगदान और विरासत की साक्षी है। डॉ. मनमोहन सिंह का नाम भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में सदैव स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा, और उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी।