ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एनसीडीसी ने लांच की दस हजार करोड़ की आयुष्मान सहकार निधि
जलज वर्मा
| 20 Oct 2020 |
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राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने देश के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए एक अहम परियोजना आयुष्मान सहकार सोमवार को लांच किया. एक ऑनलाइन कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री श्री पुरषोत्तम रूपाला ने योजना को लांच करते हुए कहा कि इससे सहकारी समितियों द्वारा पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा के आधारभूत ढांचे के निर्माण को बल मिलेगा. उन्होंने कहा कि आयुष्मान सहकार योजना के तहत एनसीडीसी 10000 करोड़ रूपये तक के आवधिक ऋण सहकारी समितियों को मुहैया कराएगा.
श्री रुपाला ने कहा कि केंद्र द्वारा किए जाने वाले किसान कल्याण क्रियाकलापों को मजबूत करने की दिशा में यह योजना सहायक होगी. आयुष्मान सहकार योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी. उन्होंने मौजूदा सहकारी समितियों को किसानों के लिए एक गतिविधि के रूप में स्वास्थ्य सेवा लेने का आह्वान किया.
एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार नायक ने कहा कि वर्तमान में देश भर में 52 अस्पताल सहकारी समितियों द्वारा संचालित हैं. इनमें से अधिकांश अस्पताल केरल, महाराष्ट्र व झारखंड में हैं. ऐसे ही प्राथमिक और एडवांस हेल्थ केयर सेंटर अन्य राज्यों में भी खुले, यहीं इस योजना का उद्देश्य है.
एनसीडीसी की योजना का उद्देश्य है कि किसानों को सस्ती स्वास्थ्य देखभाल इत्यादि उपलब्ध हो सके. इसके अतंर्गत अस्पतालों, स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग शिक्षा, पैरामेडिकल शिक्षा, स्वास्थ्य बीमा एवं समग्र स्वास्थ्य प्रणालियों जैसे आयुष को शामिल किया गया है. आयुष्मान सहकार योजना सहकारी अस्पतालों को मेडिकल/ आयुष शिक्षण संस्थान के रूप में परिवर्धित करने के लिए वित्त पोषण करेगी.
संदीप नायक ने बताया कि इसके तहत केवल पहले से ही कार्य कर रही सहकारी समितियों को ही नहीं बल्कि नवगठित सहकारी समितियों को भी लाभ होगा. अगर मेडिकल क्षेत्र के कुछ प्रोफेशनल्स सहकारी समिति बना कर कोई परियोजना शुरू करना चाहें तो एनसीडीसी इसे एक स्टार्टअप के रूप में अधिकतम दो करोड़ रुपये तक की वित्तीय ऋण उपलब्ध करायी. एनसीडीसी द्वारा पारंपरिक बैंकों से कम ब्याजदर और सरल प्रक्रिया के तहत उपलब्ध कराया जाएगा.
उन्होंने कहा कि कोई भी सहकारी समिति जिसके उपनियमों में स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित गतिविधियाँ संचालित करने के उपयुक्त प्रावधान हैं, एनसीडीसी निधि से राशि प्राप्त कर सकेगी. राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में स्थानीय प्रशासनिक नियमों के अनुरूप अथवा सीधे तौर पर एनसीडीसी से सहकारी समितियां इन निधि से लाभ अर्जित कर सकती है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान सहकार में अस्पताल के निर्माण, आधुनिकीकरण, विस्तार, मरम्मत, नवीकरण, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के बुनियादी ढांचे के साथ निम्न को सम्मिलित किया गया है. योजना के तहत आधारभूत ढांचे के लिए आवश्यक पूंजी के अतिरिक्त कार्यशील पूंजी तथा मार्जिन मनी भी समितियों को उपलब्ध करायी जाएगी. जिन सहकारी समितियों में महिलाओं की संख्या अधिक होगी उन्हें 1 प्रतिशत आर्थिक सहायता भी दी जाएगी. वर्ष 1963 से, इसके द्वारा 1.60 लाख करोड़ रूपये सहकारिताओं को ऋण स्वरूप प्रदान किए गए हैं और अभी जीरो एनपीए हैं. श्री नायक ने कहा कि इस निधि के अंतर्गत उपलब्ध कराए गए ऋण के लिए ब्याज दर समय-समय पर बाजार के रुझान के अनुरुप बदलते रहेंगे. फिलहाल आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए दीर्घावधि के ऋण पर 5-6 प्रतिशत तो वहीं कार्यशील पूंजी पर 6 प्रतिशत ब्याज दर होगा. चालू वित्त वर्ष में अभ तक एऩसीडीसी ने सहकारी समितियों को लगभग पांच हजार करोड़ रुपये का ऋण प्रदान कर चुकी है.