असंगठित क्षेत्र में रोजगार और प्रतिष्ठानों में ऐतिहासिक वृद्धि, महिलाओं की भागीदारी में भी इजाफा
जलज वर्मा
| 27 Dec 2024 |
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असंगठित क्षेत्र में रोजगार के मोर्चे पर एक महत्वपूर्ण उछाल दर्ज किया गया है। वर्ष 2024 के सितंबर तक समाप्त होने वाली अवधि में, असंगठित क्षेत्र में रोजगार 10.01 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12 करोड़ से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिला। इसके साथ ही, प्रतिष्ठानों की संख्या में भी 12.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अब 7.34 करोड़ तक पहुंच चुकी है। यह जानकारी हाल ही में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी किए गए सरकारी सर्वेक्षण में सामने आई है।
यह सर्वेक्षण अक्टूबर 2023 से लेकर सितंबर 2024 तक की अवधि के दौरान असंगठित क्षेत्र के उद्यमों की स्थिति का एक व्यापक चित्र प्रस्तुत करता है। रिपोर्ट के अनुसार, असंगठित क्षेत्र ने 12.05 करोड़ श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया, जो पिछले वर्ष यानी 2022-23 के दौरान 10.96 करोड़ था। इस तरह, एक वर्ष में रोजगार के अवसरों में एक करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई, जो यह दर्शाती है कि देश का श्रम बाजार मजबूत हो रहा है और अधिक लोगों को काम मिल रहा है।
महिलाओं की बढ़ती भागीदारी: व्यवसाय में नया बदलाव
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि महिलाओं के मालिकाना हक वाले प्रतिष्ठानों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2022-23 में जहां यह आंकड़ा 22.9 प्रतिशत था, वहीं 2024 के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार यह बढ़कर 26.2 प्रतिशत हो गया है। यह वृद्धि महिलाओं की व्यवसाय स्वामित्व में बढ़ती भूमिका और उनके उद्यमशीलता के प्रति बढ़ते रुझान को दर्शाती है। इस बदलाव से स्पष्ट होता है कि महिलाएं अब पहले से ज्यादा आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सशक्त हो रही हैं।
सेवा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उल्लेखनीय वृद्धि
सर्वेक्षण के अनुसार, अर्थव्यवस्था के अन्य सेवा क्षेत्रों ने 17.86 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ सबसे तेज गति दिखाई। इसके बाद मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 10.03 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह असंगठित क्षेत्र में व्यापक गतिविधियों के विस्तार और विविधीकरण का प्रतीक है। सेवा और मैन्युफैक्चरिंग दोनों क्षेत्रों की यह वृद्धि अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के प्रति सकारात्मक संकेत देती है।
डिजिटल युग की ओर कदम: इंटरनेट का बढ़ता उपयोग
इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले प्रतिष्ठानों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले सर्वेक्षण के दौरान जहां 21.1 प्रतिशत प्रतिष्ठान इंटरनेट का उपयोग कर रहे थे, वहीं नए सर्वेक्षण में यह आंकड़ा बढ़कर 26.7 प्रतिशत हो गया है। यह दर्शाता है कि असंगठित क्षेत्र भी धीरे-धीरे डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिससे न केवल उनके कामकाज में सुधार होगा, बल्कि उनकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।
समाज और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव
असंगठित क्षेत्र में यह वृद्धि समाज और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। रोजगार के अवसर बढ़ने से न केवल श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि देश की समग्र अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। इसके अलावा, महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से समाज में लैंगिक समानता को भी बल मिलेगा। इंटरनेट और डिजिटल तकनीक का बढ़ता उपयोग असंगठित क्षेत्र को आधुनिक बनाने में सहायक सिद्ध होगा, जिससे यह क्षेत्र भविष्य में और अधिक प्रतिस्पर्धी और संगठित हो सकेगा।
कुल मिलाकर, असंगठित क्षेत्र में रोजगार और प्रतिष्ठानों की यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो आने वाले वर्षों में और भी नए आयाम छू सकती है।