90 साल बाद सबसे गहरी मंदी से जूझ रही है दुनिया: विश्व बैंक

संदीप कुमार

 |  16 Oct 2020 |   237
Culttoday

विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते दुनिया 1930 के दशक की महामंदी के बाद से सबसे गहरी मंदी से जूझ रही है. साथ ही उन्होंने कोविड-19 महामारी को कई विकासशील और सबसे गरीब देशों के लिए भयावह घटना बताया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि आर्थिक संकुचन की सीमा को देखते हुए कई देशों में ऋण संकट का खतरा बढ़ गया है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक के मौके पर संवाददाताओं से कहा कि यहां बैठकों में इस मुद्दे पर बहुत अधिक ध्यान दिया गया है.
उन्होंने कहा, ‘मंदी बहुत गहरी है, महामंदी के बाद से सबसे बड़ी मंदियों में से एक है. कई विकासशील देशों तथा सबसे गरीब देशों के लोगों के लिए ये वास्तव में अवसाद की एक भयावह घटना है.’ उन्होंने कहा कि इस बैठक और कार्रवाई का केंद्र बिंदु इन देशों को राहत पहुंचाना है तथा विश्व बैंक इन देशों के लिए एक बड़ा वृद्धि कार्यक्रम तैयार कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक, एक सवाल के जवाब में डेविड मालपास ने कहा कि विश्व में इस समय ‘K’ आकार का सुधार हो रहा है. इसका मतलब है कि उन्नत अर्थव्यवस्थाएं विशेष रूप से अपने वित्तीय बाजारों और उन लोगों के लिए सहायता प्रदान करने में सक्षम हैं जो घर पर रहकर काम रहे हैं, लेकिन जो लोग अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के भीतर हैं, उन्होंने अपनी नौकरी खो दी है और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों पर निर्भर हैं.

मालपास ने कहा कि विकासशील देशों के लिए, खासकर निर्धनतम विकासशील देशों के लिए, ‘K’ में नीचे की ओर जाने वाली रेखा निराशाजनक मंदी या महामंदी का संकेत है. नौकरियां खत्म हो जाने, आय में गिरावट के कारण और दूसरे देशों में काम करने वाले मजदूरों से जो पैसा आता था उसके बंद हो जाने से निर्धनतम देशों की जनता इसे झेल रही है. मालपास ने कहा, ‘विश्व बैंक में हम ये कोशिश कर रहे हैं कि उस समस्या को पहचाना जाए और निर्धनतम देशों में सामाजिक सुरक्षा के लिए अतिरिक्त मदद दी जाए, और साथ ही कृषि चुनौतियों को भी पहचाना जाए.’  अपने निर्यात बाजारों को खोलने वाले देशों की मालपास ने प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण दौर में सब्सिडी व्यवस्था में कुछ देशों ने बदलाव किए हैं, ताकि अपनी अर्थव्यवस्था के अंदर ही और ज्यादा आहार उपलब्धता बढ़ाई जा सके.  मालपास ने कहा कि लोगों की जान बचाना, स्वास्थ्य और सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. इसके तहत सामाजिक दूरी बनाए रखना, मास्क पहनना और कोई वायरस से संक्रमित हो जाए तो उचित इलाज की व्यवस्था, अस्पतालों को मजबूत बनाना आदि कदम आते हैं. उन्होंने कहा कि ये सभी कदम महत्वपूर्ण हैं.
 


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