गौशालाएं आर्थिक स्वावलंबन का जीवंत मॉडलः बांसुरी स्वराज

संदीप कुमार

 |  10 Aug 2025 |   48
Culttoday

नई दिल्ली। लोकसभा सांसद बांसुरी स्वराज ने स्पष्ट शब्दों में कहा—“गाय अब केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय रीढ़ है। यदि हम गाय की रक्षा करने में असफल रहते हैं, तो यह हमारी संस्कृति, आत्मसम्मान और भविष्य की सुरक्षा पर सीधा आघात होगा।”

उन्होंने रेखांकित किया कि देशभर में मौजूद 22,000 से अधिक गौशालाएं आज आर्थिक स्वावलंबन, ग्रामीण आजीविका और पर्यावरण संरक्षण के सशक्त उदाहरण बन चुकी हैं। “अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार गौरक्षा के लिए एक ठोस, सशक्त और सर्वदलीय कानून बनाए। यदि पूरे देश में एक समान गौरक्षा नीति लागू नहीं हुई, तो यह राष्ट्र की सांस्कृतिक नींव को कमजोर कर सकती है।”

बांसुरी ने चेतावनी दी कि गौशालाओं को केवल धार्मिक संस्था मानने की भूल अब नहीं चलेगी। “गौधन में वह क्षमता है जो भारत को पुनः विश्वगुरु बना सकती है। गौरक्षा अब केवल नैतिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नीति की प्राथमिकता होनी चाहिए।”

वह  राष्ट्रीय गौधन महासंघ के बैठक को संबोधित कर रही थीं, जहां गौधन समिट 2025 की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा हुई। यह गौधन समिट 5 से 10 नवंबर 2025 के बीच मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली में होगा, जिसमें देश-विदेश से पांच लाख से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने की संभावना है। उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समापन हेतु राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रण भेजा गया है।

राष्ट्रीय गौधन महासंघ के मुख्य संयोजक विजय खुराना ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पहले जहां 9.5 लाख टन गोबर सड़कों और नालियों में बह जाता था, अब वही गोबर पर्यावरण-संवेदनशील लकड़ियों में बदलकर लाखों पेड़ों को कटने से बचा रहा है। उन्होंने कहा कि देशभर में सक्रिय 22,000 से अधिक गौशालाएं जैविक खेती, पंचगव्य औषधियों, गोबर से बनी लकड़ियों और अन्य उत्पादों के माध्यम से 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रही हैं।

समिट की संयोजक और पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल ने भावपूर्ण शब्दों में कहा, कृष्ण की गाय और शिव के नंदी को सुरक्षित रखे बिना भारत का कल्याण संभव नहीं। गौसेवा मात्र धर्म नहीं, राष्ट्रसेवा का महान पथ है। उन्होंने कहा कि समिट के दौरान देशभर की गौशालाएं अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाकर आत्मनिर्भरता के विभिन्न मॉडल प्रस्तुत करेंगी।  बैठक में गौ रक्षा अभियान से जुड़े देश की कई गणमान्य हस्तियां मौजूद रही।


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