कर्नाटक के उडुपी जिले के एक छोटे से गांव कोरंगरापाडी में जन्मे डॉ. के. प्रकाश शेट्टी ने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से सफलता का एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया है, जो न केवल व्यापार जगत में बल्कि समाज सेवा में भी मिसाल है। 21 जुलाई 1959 को एक सामान्य किसान परिवार में जन्मे प्रकाश शेट्टी ने अपने पिता की तरह खेती-बाड़ी करने के बजाय व्यापार करने का सपना देखा, और इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने अथक परिश्रम किया। आज वह 400 करोड़ रुपये के कारोबार का नेतृत्व कर रहे हैं और 4,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं।
प्रकाश शेट्टी की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव में ही हुई। बाद में उच्च शिक्षा के लिए वह उडुपी के पूर्णा प्रज्ञा कॉलेज से बीबीएम (बैचलर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट) की डिग्री हासिल करने के बाद बेंगलुरु में नौकरी करने लगे। लेकिन उनका मन नौकरी में नहीं लगा, क्योंकि उनका असली सपना था अपना खुद का कारोबार खड़ा करना। उन्होंने नौकरी छोड़कर 50,000 रुपये का लोन लिया और एक प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत की। यहीं से उनकी कारोबारी यात्रा का आगाज हुआ।
प्रिंटिंग प्रेस का काम ज्यादा सफल नहीं हुआ, लेकिन यह उनके लिए सीखने का एक महत्वपूर्ण अनुभव साबित हुआ। इस दौरान उनकी शादी आशा शेट्टी से हुई और उनके बेटे गौरव का जन्म हुआ। अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद, प्रकाश शेट्टी ने अपने कारोबारी सपनों को जिंदा रखा। उन्होंने अपने माता-पिता और बेटे के नाम पर एमआरजी ग्रुप (MRG Group) की स्थापना की। एमआरजी का पहला अक्षर ‘एम’ उनके पिता माधव के नाम से, ‘आर’ उनकी मां रत्ना के नाम से, और ‘जी’ उनके बेटे गौरव के नाम से लिया गया।
प्रिंटिंग प्रेस के बाद, प्रकाश शेट्टी ने हॉस्पिटैलिटी और खानपान क्षेत्र में कदम रखा। साल 1993 में उन्होंने बेंगलुरु में अपना पहला फाइन-डाइन रेस्टोरेंट 'बंजारा' खोला, जिसने जल्दी ही लोकप्रियता हासिल की। इसके बाद उन्होंने 'गोल्डफिंच' नाम से एक होटल श्रृंखला की शुरुआत की, जिसकी शाखाएं मंगलोर, बेंगलुरु, गोवा, मुंबई और दिल्ली एनसीआर तक फैल गईं। उनका नाम लक्जरी हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में तेजी से उभरने लगा।
उनकी सफलता को और अधिक पहचान तब मिली जब 1997 में कर्नाटक में आयोजित चौथे नेशनल गेम्स में बंजारा रेस्टोरेंट को ऑफिशियल कैटरर की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद, 1999 में मणिपुर में हुए पांचवें नेशनल गेम्स में भी उन्हें यही जिम्मेदारी मिली। इन दोनों आयोजनों में बेहतरीन सेवा देने के कारण उनका नाम देश के प्रमुख रेस्टोरेंटर में शामिल हो गया।
हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में सफलता के बाद, प्रकाश शेट्टी ने रियल एस्टेट की ओर रुख किया। एमआरजी ग्रुप ने बेंगलुरु के बीटीएम लेआउट में 'अहिका अपार्टमेंट' नामक एक लक्जरी प्रोजेक्ट से शुरुआत की, जो बेहद सफल रहा। इसके बाद उनका रियल एस्टेट कारोबार न केवल कर्नाटक, बल्कि महाराष्ट्र, गोवा और दिल्ली एनसीआर तक फैल गया। वर्तमान में एमआरजी ग्रुप के पास 1,000 एकड़ से भी अधिक जमीन है, जिसमें वे विभिन्न प्रकार के परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। मंगलोर में 104 एकड़ में 'गोल्डफिंच सिटी' नामक एक इंटीग्रेटेड टाउनशिप का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें आवासीय अपार्टमेंट, स्कूल, अस्पताल, मॉल, होटल और मल्टीप्लेक्स जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
कारोबारी सफलता के साथ-साथ, डॉ. प्रकाश शेट्टी समाजसेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, एमआरजी ग्रुप ने 20,000 से अधिक परिवारों को भोजन उपलब्ध कराया। इसके अलावा, वह हर साल हजारों बच्चों को स्कॉलरशिप देते हैं और जरूरतमंदों को नकदी सहायता भी प्रदान करते हैं। उनकी इन्हीं सेवाओं के चलते मंगलोर विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
डॉ. के. प्रकाश शेट्टी की कहानी एक किसान के बेटे से लेकर एक विशाल कारोबारी साम्राज्य के निर्माता बनने की है। उनकी यह यात्रा प्रेरणादायक है, जो यह दिखाती है कि कठिन परिश्रम, दृढ़ संकल्प और सही दिशा में उठाए गए कदम सफलता के शिखर तक पहुंचा सकते हैं।