भारत में रोजगार सृजन में अब भी रहेगी बाधाः रिपोर्ट

जलज वर्मा

 |  13 Jan 2017 |   72
Culttoday

संयुक्त राष्ट्र श्रम संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 और 2018 के बीच भारत में बेरोजगारी में मामूली इजाफा हो सकता है और रोजगार सृजन में बाधा आने के संकेत हैं.संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने ‘2017 में वैश्विक रोजगार एवं सामाजिक दृष्टिकोण' पर कल अपनी रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट के अनुसार रोजगार जरुरतों के कारण आर्थिक विकास पिछडता प्रतीत हो रहा है और इसमें पूरे 2017 के दौरान बेरोजगारी बढने तथा सामाजिक असामनता की स्थिति के और बिगड]ने की आशंका जताई गई है.

 वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में भारत में रोजगार सृजन की गतिविधियों के गति पकडने की संभावना नहीं है क्योंकि इस दौरान धीरे धीरे बेरोजगारी बढेगी और प्रतिशत के संदर्भ में इसमें गतिहीनता दिखाई देगी.रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘आशंका है कि पिछले साल के 1.77 करोड बेरोजगारों की तुलना में 2017 में भारत में बेरोजगारों की संख्या 1.78 करोड और उसके अगले साल 1.8 करोड हो सकती है. प्रतिशत के संदर्भ में 2017-18 में बेरोजगारी दर 3.4 प्रतिशत बनी रहेगी.

 ' वर्ष 2016 में रोजगार सृजन के संदर्भ में भारत का प्रदर्शन थोडा अच्छा था.रिपोर्ट में यह भी स्वीकार किया गया कि 2016 में भारत की 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर ने पिछले साल दक्षिण एशिया के लिए 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने में मदद की है. रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘विनिर्माण विकास ने भारत के हालिया आर्थिक प्रदर्शन को आधार मुहैया कराया है , जो क्षेत्र के जिंस निर्यातकों के लिए अतिरिक्त मांग बढाने में मदद कर सकता है.' रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक बेरोजगारी दर और स्तर अल्पकालिक तौर पर उच्च बने रह सकते हैं क्योंकि वैश्विक श्रम बल में लगातार बढोत्तरी हो रही है. विशेषकर वैश्विक बेरोजगारी दर में 2016 के 5.7 प्रतिशत की तुलना में 2017 में 5.8 प्रतिशत की मामूली बढत की संभावना है.

 आईएलओ के महानिदेशक गाइ राइडर ने कहा, ‘‘इस वक्त हमलोग वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण उत्पन्न क्षति एवं सामाजिक संकट में सुधार लाने और हर साल श्रम बाजार में आने वाले लाखों नवआगंतुकों के लिए गुणवत्तापूर्ण नौकरियों के निर्माण की दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं.' आईएलओ के वरिष्ठ अर्थशास्त्री और रिपोर्ट के मुख्य लेखक स्टीवेन टॉबिन ने कहा, ‘‘उभरते देशों में हर दो श्रमिकों में से एक जबकि विकासशील देशों में हर पांच में से चार श्रमिकों को रोजगार की बेहतर स्थितियों की आवश्यकता है.' इस आंकडे में दक्षिण एशिया एवं उप-सहारा अफ्रीका में और अधिक गिरावट आने का खतरा है. इसके अलावा, विकसित देशों में बेरोजगारी में भी गिरावट आने की संभावना है और यह दर 2016 के 6.3 प्रतिशत से घटकर 6.2 प्रतिशत तक हो जाने की संभावना है.


RECENT NEWS

भारत: वैश्विक मेडिकल टूरिज्म का नया हब
जलज श्रीवास्तव |  01 May 2025  |  54
‘ठंड हो या दंड, लेकर रहेंगे अधिकार’
कल्ट करंट डेस्क |  27 Nov 2020  |  517
प्रवासी मजदूरः ‘कहीं के नहीं’
कल्ट करंट डेस्क |  15 Oct 2020  |  87
20 वर्षों में 70 प्रतिशत वैश्विक खेती पर आया खतरा 
रिचर्ड महापात्र, डाउन टू अर्थ |  15 Oct 2020  |  168
लॉकडाउन: 4 करोड़ प्रवासी मजदूर प्रभावित
कल्ट करंट डेस्क |  24 Apr 2020  |  123
To contribute an article to CULT CURRENT or enquire about us, please write to cultcurrent@gmail.com . If you want to comment on an article, please post your comment on the relevant story page.
All content © Cult Current, unless otherwise noted or attributed. CULT CURRENT is published by the URJAS MEDIA VENTURE, this is registered under UDHYOG AADHAR-UDYAM-WB-14-0119166 (Govt. of India)