डिजिटल खाईः कितना हकीकत कितना फसाना?

संदीप कुमार

 |  01 Mar 2025 |   33
Culttoday

रामपुर के सरकारी स्कूल में मानसून की बारिश टिन की छत पर जोर-शोर से बरस रही थी। कक्षा के अंदर, दस वर्षीय लक्ष्मी भारत के पुराने नक्शे को ध्यान से देख रही थी। UDISE+ के 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, देश के 10 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों में से आधे से भी कम, जैसे कि लक्ष्मी का स्कूल, इंटरनेट की सुविधा से लैस हैं।
बाहर की दुनिया बदल रही थी। शहरों में बच्चे स्मार्ट क्लासरूम में डिजिटल बोर्ड और वर्चुअल कक्षाओं का उपयोग कर रहे थे। लेकिन रामपुर में, 2021-22 में केवल 14.4% सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम थे, जबकि निजी स्कूलों में यह आंकड़ा 18% था। 2023-24 तक, ये आंकड़े क्रमशः 21.2% और 34.6% तक बढ़े थे। फिर भी, इस खाई को पाटना बहुत मुश्किल था।
लक्ष्मी का सपना डॉक्टर बनने का था, लेकिन उसे पता था कि प्रतिस्पर्धा करना उसके लिए कितना कठिन होगा। 2023-24 के UDISE+ आंकड़ों के अनुसार, केवल 44% सरकारी स्कूलों में शिक्षण के लिए कंप्यूटर उपलब्ध थे, जबकि निजी स्कूलों में यह संख्या 71% थी।
सरकार ने भारतनेट परियोजना के माध्यम से सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने की घोषणा की थी। लेकिन जनवरी 2025 तक, 6.5 लाख गांवों में से केवल 2 लाख गांवों को ही ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्राप्त हुई थी। IndiaSpend की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने इस परियोजना के कई समय सीमा पार कर चूकी हैं।
इस बीच, गुरुग्राम के एक निजी स्कूल में रोहन होलोग्राम प्रोजेक्शन के माध्यम से मानव हृदय का अध्ययन कर रहा था। उसके स्कूल में डिजिटल लाइब्रेरी और अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं थीं। वह DIKSHA प्लेटफार्म का उपयोग कर रहा था, जिसमें 7,080 से अधिक डिजिटल पाठ्यपुस्तकें और 101 भारतीय भाषाओं एवं 7 विदेशी भाषाओं में सामग्री उपलब्ध थी। सरकार ने राज्यसभा को सूचित किया था कि कई राज्यों ने DIKSHA प्लेटफार्म पर अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करा दी हैं।
रामपुर में, लक्ष्मी के शिक्षक, श्री शर्मा, बच्चों को अपने स्मार्टफोन के माध्यम से दूर-दराज के शहरों की तस्वीरें दिखा रहे थे। सरकार ने स्मार्ट क्लासरूम के लिए 537 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, लेकिन केवल 369 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए थे। सरकार ने लोकसभा को सूचित किया था कि स्मार्ट क्लासरूम के लिए धनराशि समग्र शिक्षा अभियान की डिजिटल पहल के तहत दी जाती है। राज्य सरकारें भी अपनी आवश्यकता अनुसार धनराशि प्रदान कर सकती हैं।
एक दिन, एनजीओ के कुछ स्वयंसेवक स्कूल आए और उन्होंने बच्चों को कंप्यूटर के बारे में सिखाया। लक्ष्मी ने पहली बार इंटरनेट का उपयोग किया। उसने महसूस किया कि डिजिटल कौशल कितने महत्वपूर्ण हैं, खासकर महिलाओं के लिए। IndiaSpend ने पहले रिपोर्ट किया था कि डिजिटल कौशल की कमी के कारण महिलाओं को उच्च शिक्षा और रोजगार के उचित अवसर नहीं मिलते।
लक्ष्मी को पता था कि उसे कई बाधाओं का सामना करना पड़ेगा। उसके गांव में बिजली की समस्या थी और इंटरनेट की गति भी धीमी थी। लेकिन वह दृढ़ निश्चयी थी। उसे पता था कि डिजिटल खाई को पाटना कितना जरूरी है। सरकार को अपनी योजनाओं को तेजी से लागू करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चे को डिजिटल शिक्षा मिले।
यह कहानी सिर्फ लक्ष्मी की नहीं है, बल्कि उन लाखों बच्चों की है जो डिजिटल युग में पीछे छूट रहे हैं। यह कहानी, जो आंकड़ों और तथ्यों से भरी है, दिखाती है कि भारत को अभी लंबा सफर तय करना है।
UDISED+ के आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न राज्यों में स्मार्ट क्लासरूम की उपलब्धता में काफी अंतर है। कुछ राज्य दूसरों की तुलना में बेहतर कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, केरल ने डिजिटल शिक्षा को प्राथमिकता दी है और वहां के स्कूलों में बेहतर बुनियादी ढांचा है।
सरकार को न केवल बुनियादी ढांचे में निवेश करना होगा, बल्कि शिक्षकों को डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित भी करना होगा। इसके अलावा, डिजिटल सामग्री को स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराना होगा ताकि सभी छात्रों के लिए यह सुलभ हो सके।
डिजिटल खाई को पाटने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज को मिलकर काम करना होगा। तभी हम एक ऐसा भविष्य बना सकेंगे जहां हर बच्चा डिजिटल शिक्षा का लाभ उठा सके। 

यह आलेख मूल रूप से IndiaSpend में प्रकाशित हुआ था। लेखक, विजय जाधव, IndiaSpend में
एक इंटर्न पत्रकार हैं। हम इसे उचित श्रेय और अद्यतनों के साथ पुनः प्रकाशित कर रहे हैं।


Browse By Tags

RECENT NEWS

सही समय है पाकिस्तान को सज़ा देने का
एयर मार्शल अनिल चोपड़ा (सेवानिवृत्त) |  01 May 2025  |  34
अब आगे क्या ? (आवरण कथा)
संदीप कुमार |  01 May 2025  |  44
क्या पानी बनेगा जंग का मैदान ?
संदीप कुमार |  01 May 2025  |  38
देश मांगे जस्टिस (आवरण कथा)
श्रीराजेश |  01 May 2025  |  28
रक्षा शक्ति का उदय:भारत का बढ़ रहा निजी रक्षा उत्पादन की ओर झुकाव
एयर मार्शल अनिल चोपड़ा (सेवानिवृत्त) |  01 Apr 2025  |  136
विकास की राह पर छूटे गांव
जलज श्रीवास्तव |  31 Mar 2025  |  54
AI: एल्गोरिदम से परे (आवरण कथा- मार्च, 2025)
विलियम एच. जेनेवे एवं संजय श्रीवास्तव |  01 Mar 2025  |  435
Cult Current ई-पत्रिका (फरवरी, 2025 ) : सियासत और प्रयाग का महाकुंभ
शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव |  01 Feb 2025  |  128
To contribute an article to CULT CURRENT or enquire about us, please write to cultcurrent@gmail.com . If you want to comment on an article, please post your comment on the relevant story page.
All content © Cult Current, unless otherwise noted or attributed. CULT CURRENT is published by the URJAS MEDIA VENTURE, this is registered under UDHYOG AADHAR-UDYAM-WB-14-0119166 (Govt. of India)