Cult Current ई-पत्रिका (फरवरी, 2025 ) : सियासत और प्रयाग का महाकुंभ

संदीप कुमार

 |  01 Feb 2025 |   128
Culttoday

सियासत के बारे में एक आम धारणा है कि यहाँ स्वहित सबसे बड़ा धर्म है। मतलब साफ है कि सियासत में कोई किसी का स्थायी न दोस्त माना जाता है और न दुश्मन। यहाँ किसी भी तरह की संवेदनशीलता का भी कोई स्थान नहीं है। यहाँ सब कुछ निर्भर करता है स्वार्थ सिद्धि पर। अगर आपका जिससे हित सधता है वो आपका सबसे अधिक सगा माना जाता है। यही वजह है कि अब समाज की हर गतिविधियों में सियासी दखलंदाजी बढ़ रही है। ऐसे में भला महाकुंभ जैसा बड़ा आयोजन कैसे अछूता रह पाएगा। लेकिन यहाँ चूंकि सर्वोच्च स्थान धार्मिक आस्था का होता है लिहाजा यहाँ की सियासत का स्वरूप प्रत्यक्ष न होकर अप्रत्यक्ष होता है। यहाँ के सभी धार्मिक गतिविधियों में सियासी नफा-नुकसान को तलाशा जाता है। अगर उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के कैबिनेट की पूरी टीम प्रयागराज में गंगा-यमुना सहित अदृश्य सरस्वती नदी के संगम में डुबकी लगाती है और संगम तट पर कैबिनेट की बैठक करती है तो विपक्षी इसे सियासत करार देते है। संभव है कि विपक्ष का यह कयास पक्ष-विपक्ष की सियासी दाँव-पेंच के चलते बहुत पारिभाषित न हो पाए। लेकिन जिस तरह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में लगभग दो लाख करोड़ के राजस्व मिलने की उम्मीद जताई है। वह बेवजह की बयानबाजी मात्र नहीं है बल्कि एक सोची-समझी दूरदर्शी गणित के फार्मूला माफिक है। माघ मेला हो, अर्ध कुम्भ हो, कुम्भ हो या महाकुंभ सभी को सकुशल सम्पन्न कराने कि जिम्मेदारी संबंधित प्रदेश सरकार और केंद्र की सरकार की होती है। लेकिन नाथ संप्रदाय के कट्टर साधक योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रयागराज में आयोजित लगभग सभी कुम्भ के आयोजनों को ऐसा स्वरूप दिया कि साल दर साल यह धार्मिक आयोजन दिव्यता और भव्यता की मिसाल बनते जा रहे हैं। 2019 का कुम्भ हो या इस बार 2025 का महाकुंभ, सभी ने बेहतर व्यवस्था का रिकार्ड बनाया है। सदियों से आयोजित होता आ रहा यह आयोजन आज भारतीय समाज के सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक जागरण का प्रतीक बन गया है। इसे भी राजनीतिक जागरण का ही प्रतिफल माना जाएगा कि कभी सीमित संसाधनों के बीच गंगा-यमुना के तट पर खुले आसमान तले कल्पवासी सामान्य से टेंट में रहकर भगवतभजन किया करते थे। जबकि आज लाखों-लाख रुपये टेंट निवास और हीलिकाप्टर राइडिंग मद में प्रतिदिन खर्चने वाले विदेशी भी आकर देश में विदेशी पूंजी बढ़ा रहे है। कहीं न कही यह संतई से सियासी सफर तय करने वाले गोरक्षपीठाधीश्वर और सूबे के मुखिया महंत योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता का परिणाम है। संभव है कि यह भी एक तरह से उनकी सियासत का हिस्सा हो। 
लेकिन जो भी हो आज जो श्रद्धालु महाकुंभ में पहुँच रहे है उनके श्रीमुख से एक बात अवश्य निकल् रही है जय हो योगी। उसका सीधा सपाट कारण है। अनादि काल से आयोजित हो रहे इस कुम्भ के संदर्भ में जो साक्ष्य मिलते है उस लिहाज से 7 वीं शताब्दी में भ्रमण पर भारत आए चीनी यात्री हवेनसांग ने लिखा है कि राजा हर्षवर्धन ने उस समय गंगा तट पर धर्म सभा का आयोजन किया था। मध्यकालीन इतिहास में 9 वीं से 18 वीं शताब्दी के बीच अखाड़ों द्वारा कुम्भ आयोजन के संदर्भ मिलते है। इस तरह हर छः साल पर अर्ध कुम्भ और बारह साल पर कुम्भ का आयोजन होता है। बारहवें कुम्भ के आयोजन को महाकुंभ कहा जाता है। 2025 कुम्भ को भी इसीलिए महाकुंभ कहा गया क्योंकि यह 144 वर्षों बाद हो रहा है। 
ऐसे में ऐसी सियासत जो सत्ता सहित आमजन को सकारात्मक परिणाम दिलाने वाला साबित हो तो निःसंदेह इसका स्वागत होना चाहिए। जैसे युद्धकाल में सियासी मतभेद भुला सियासी दल सरकार के साथ खड़ी हो जाती है। उसी तरह ऐसे कुम्भ सरीखे आयोजनों में भी सियासी दलों को एकजुट होकर सत्ता की व्यवस्था के सुचारु संचलन में सकारात्मक सहयोग देना चाहिए। इससे देश से बाहर के देशों में न केवल देश की छवि निखरेगी बल्कि एक अपरिभाषित माध्यम से ठोस विदेशी पूंजी के देश में आने की संभावना बढ़ जाएगी। इससे मिलने वाला आर्थिक आधार न केवल देश को मजबूती देगा बल्कि देश को समृद्धिशाली देश की कतार में खड़ा करने मे सहायक होगा।
 


Browse By Tags

RECENT NEWS

सही समय है पाकिस्तान को सज़ा देने का
एयर मार्शल अनिल चोपड़ा (सेवानिवृत्त) |  01 May 2025  |  34
अब आगे क्या ? (आवरण कथा)
संदीप कुमार |  01 May 2025  |  44
क्या पानी बनेगा जंग का मैदान ?
संदीप कुमार |  01 May 2025  |  38
देश मांगे जस्टिस (आवरण कथा)
श्रीराजेश |  01 May 2025  |  28
रक्षा शक्ति का उदय:भारत का बढ़ रहा निजी रक्षा उत्पादन की ओर झुकाव
एयर मार्शल अनिल चोपड़ा (सेवानिवृत्त) |  01 Apr 2025  |  136
विकास की राह पर छूटे गांव
जलज श्रीवास्तव |  31 Mar 2025  |  54
AI: एल्गोरिदम से परे (आवरण कथा- मार्च, 2025)
विलियम एच. जेनेवे एवं संजय श्रीवास्तव |  01 Mar 2025  |  434
Cult Current ई-पत्रिका (फरवरी, 2025 ) : सियासत और प्रयाग का महाकुंभ
शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव |  01 Feb 2025  |  128
To contribute an article to CULT CURRENT or enquire about us, please write to cultcurrent@gmail.com . If you want to comment on an article, please post your comment on the relevant story page.
All content © Cult Current, unless otherwise noted or attributed. CULT CURRENT is published by the URJAS MEDIA VENTURE, this is registered under UDHYOG AADHAR-UDYAM-WB-14-0119166 (Govt. of India)