कांग्रेस इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए स्पेशल T20 प्लान बना रही है. इस रणनीति के तहत वह दिल्ली की उन 20 सीटों पर अपनी पूरी ताकत के साथ उतरेगी जिन पर उसकी जीत की संभावनाएं बेहतर हो सकती हैं. पार्टी की रणनीति है कि अगर वह लगभग 15 सीटों पर भी जीत हासिल कर लेती है तो दिल्ली में बनने वाली अगली सरकार की चाबी उसके हाथ में होगी.
पार्टी ने इसके लिए उन सीटों का चयन भी किया है जिन पर उसके जीत की संभावनाएं बेहतर हो सकती हैं. इनमें मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता वाली सीटों के अलावा वे सीटें भी शामिल हैं जिनमें झुग्गी-झोपड़ी वाले लोग अधिक संख्या में रहते हैं. इसके अलावा इस टारगेट में वे सीटें भी शामिल हैं जहां पार्टी के विभिन्न शीर्ष नेताओं की पकड़ बेहतर बताई जाती हैं.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी को इस बात का एहसास है कि वह आज की स्थिति में अकेले दम पर सत्ता में वापसी नहीं कर सकती. इस परिस्थिति में उसने अपने लिए सबसे 'बेहतर विकल्प' की रणनीति बनानी शुरू कर दी है. कांग्रेस की रणनीति है कि वह सत्ता में भले ही न आए, लेकिन ऐसी स्थिति अवश्य बना दे जिससे कि दिल्ली की अगली सरकार उसके बिना न बन सके.
इस तरह चुनाव बाद की परिस्थिति महाराष्ट्र की तरह की बन सकती है जहां सरकार उसके बिना नहीं बन पाएगी. पार्टी की रणनीति है कि ऐसी स्थिति में जनता के लिए बेहतर काम करके वह लोगों के बीच दोबारा वापसी कर सकती है.
दरअसल, कांग्रेस का आकलन है कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का एक 'डेडीकेटेड वोट बैंक' है. पिछले चुनावों के आधार पर समझें तो बीजेपी का मत प्रतिशत न्यूनतम 32 फीसदी के आसपास रह सकता है और इस तरह वह लगभग एक तिहाई वोटबैंक अपने साथ ले जा सकती है.
वहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान एक बड़ा वोटबैंक कांग्रेस के पास वापस आया है. उम्मीद है कि इस वोटबैंक के वापस आने के साथ ही आम आदमी पार्टी के मत फीसद और सीटों की संख्या में भी गिरावट आएगी. आप का यह नुकसान सीधे तौर पर कांग्रेस को लाभ की स्थिति में पहुंचाएगा. अगर यह लाभ विधानसभा की 15 सीटों में तब्दील हो जाता है तो अगली सरकार उसके बिना बनना मुश्किल हो सकता है.
कांग्रेस जिन 20 सीटों को अपनी प्रमुखता में रखना चाहती है उनमें मुस्लिम बहुल और झुग्गी-झोपड़ी बहुल मतदाताओं वाली सीटें प्रमुख हैं. इन सीटों में माटिया महल, बल्ली मारान, ओखला, सीलमपुर, बाबरपुर, मुस्तफाबाद, तुगलकाबाद, सुल्तान पुर माजरा, मंगोलपुरी, उत्तम नगर, नजफगढ़, बुरारी, तिमार पुर, बादली, सदर बाजार, अंबेडकर नगर, कालकाजी, विश्वास नगर, गांधी नगर और सीमापुरी प्रमुख हैं. इनके अलावा भी पार्टी उन सीटों पर दांव लगाने की तैयारी में है जहां उनके सबसे मजबूत पकड़ वाले नेता प्रभावी रहे हैं.
पार्टी के मुताबिक इन सीटों पर वह इन सीटों पर ऐसे ही उम्मीदवारों को मौका देगी जिनकी जीत की संभावनाएं और ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर होगा. इनमें स्थानीय उम्मीदवारों के साथ मजबूत पूर्वांचली नेताओं और स्टार छवि के नेताओं को उतारा जा सकता है. पार्टी ऐसे चेहरों की तलाश में गंभीरता से काम कर रही है जो उसे इस T20 के प्लान में जीत दिला सकें.