अब उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को एक बड़ा फायदा मिलने जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने घोषणा की है कि छात्रों को हर साल दो बार ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने का विकल्प मिलेगा। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत लागू की जा रही है और इसे शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू किया जाएगा।
इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य छात्रों पर दाखिले की प्रक्रिया का दबाव कम करना और उन्हें बेहतर अवसर प्रदान करना है। पहले जहां छात्रों को सिर्फ एक बार दाखिले का मौका मिलता था, अब वे साल में दो बार आवेदन कर सकते हैं। यह बदलाव खास तौर पर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के छात्रों के लिए फायदेमंद होगा, जो किसी तकनीकी, व्यक्तिगत या अन्य कारणों से पहले दौर में आवेदन नहीं कर पाते थे।
इसके अलावा, जिन छात्रों की परीक्षा में री-अपीयर की समस्या रहती थी, उन्हें भी अब राहत मिलेगी। पहले उन्हें पूरा एक साल इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब वे दूसरी बार में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई को तेजी से पूरा कर सकते हैं। यह पहल उन छात्रों के लिए भी उपयोगी है, जो अपनी शिक्षा को बिना किसी रुकावट के जल्द पूरा करना चाहते हैं।
गुड़गांव विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश कुमार ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "नई शिक्षा नीति पूरी तरह से छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इसका उद्देश्य उनकी उच्च शिक्षा में आने वाली बाधाओं को खत्म करना और उन्हें बेहतरीन अवसर प्रदान करना है।"
नई नीति के तहत, न केवल दाखिले की प्रक्रिया में बदलाव होंगे, बल्कि आने वाले सत्रों में और भी कई सुधार किए जाने की योजना है। इससे छात्रों को उनकी शैक्षणिक यात्रा को अधिक सुगम और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।