उत्तराखंड के रूड़की के व्यवसायी अनुज गर्ग और उनकी पत्नी भारती गर्ग ने गुरुवार को दिल्ली में उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक पर संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया है. अनुज गर्ग गुरुवार को नई दिल्ली स्थित इंडियन वुमेंस प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उनका हरिद्वार में ज्वेलरी व साड़ियों का शोरूम का व्यवसाय था. इसमें मंत्री बाद में पार्टनर बने. हालांकि औपचारिक तौर पर पार्टनर के रूप में उन्होंने अपने भाई मुकेश कौशिक का नाम दिया और सारे दस्तावेज मुकेश कौशिक के नाम पर ही बने लेकिन व्यवसाय में अपने हिस्से का निवेश मंत्री मदन कौशिक ने की. लेकिन बाद में स्थिति यह हुई कि मदन कौशिक ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर न केवल पूरा व्यवसाय बल्कि तीन मंजीले भवन पर अवैध कब्जा कर लिया.
अनुज ने बताया कि उक्त तीन मंजीले मकान का सिर्फ तीसरा तल ही उन्होंने मंत्री के भाई मुकेश कौशिक के नाम बेचा था, बाकी का हिस्सा उनका ही है लेकिन बाहुबल के दम पर उन्होंने पूरे भवन पर कब्जा कर लिया है. अनुज गर्ग का कहना है कि मंत्री की तरफ से बराबर बर्बाद कर देने की धमकियां मिल रही है, जिसकी वजह से वह हरिद्वार छोड़ कर रुड़की में अपने परिवार के साथ डर के साये में जी रहे हैं. व्यवसाय के विवाद और भवन पर अवैध कब्जे के खिलाफ अनुज ने स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य सरकार और यहां तक प्रधानमंत्री से भी न्याय की गुहार लगायी है लेकिन जांच के नाम बीते चार सालों से खानापूर्ती ही हो रही है. मंत्री अपने राजनीतिक प्रभाव से जांच कार्य को प्रभावित कर रहे हैं. जिससे उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा. अनुज ने कहा कि वह इस मामले की सीबीआई से जांच की मांग कर रहे हैं. अगर उनके खिलाफ सीबीआई जांच होती है तो कई अन्य मामले भी सामने आएंगे.
भारती गर्ग ने कहा कि अनुज एक अच्छे भले व्यवसायी थे लेकिन मंत्री मदन कौशिक ने उनकी संपत्ति हड़प कर उन्हें सड़क पर ला दिया है. अनुज शारीरिक रूप से भी अस्वस्थ हैं, ऐसे में परिवार के भरण-पोषण में भी उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है.
उत्तराखंड के रूड़की के व्यवसायी अनुज गर्ग और उनकी पत्नी भारती गर्ग ने गुरुवार को दिल्ली में उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक पर संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया है. अनुज गर्ग गुरुवार को नई दिल्ली स्थित इंडियन वुमेंस प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उनका हरिद्वार में ज्वेलरी व साड़ियों का शोरूम का व्यवसाय था. इसमें मंत्री बाद में पार्टनर बने. हालांकि औपचारिक तौर पर पार्टनर के रूप में उन्होंने अपने भाई मुकेश कौशिक का नाम दिया और सारे दस्तावेज मुकेश कौशिक के नाम पर ही बने लेकिन व्यवसाय में अपने हिस्से का निवेश मंत्री मदन कौशिक ने की. लेकिन बाद में स्थिति यह हुई कि मदन कौशिक ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर न केवल पूरा व्यवसाय बल्कि तीन मंजीले भवन पर अवैध कब्जा कर लिया.
अनुज ने बताया कि उक्त तीन मंजीले मकान का सिर्फ तीसरा तल ही उन्होंने मंत्री के भाई मुकेश कौशिक के नाम बेचा था, बाकी का हिस्सा उनका ही है लेकिन बाहुबल के दम पर उन्होंने पूरे भवन पर कब्जा कर लिया है. अनुज गर्ग का कहना है कि मंत्री की तरफ से बराबर बर्बाद कर देने की धमकियां मिल रही है, जिसकी वजह से वह हरिद्वार छोड़ कर रुड़की में अपने परिवार के साथ डर के साये में जी रहे हैं. व्यवसाय के विवाद और भवन पर अवैध कब्जे के खिलाफ अनुज ने स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य सरकार और यहां तक प्रधानमंत्री से भी न्याय की गुहार लगायी है लेकिन जांच के नाम बीते चार सालों से खानापूर्ती ही हो रही है. मंत्री अपने राजनीतिक प्रभाव से जांच कार्य को प्रभावित कर रहे हैं. जिससे उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा. अनुज ने कहा कि वह इस मामले की सीबीआई से जांच की मांग कर रहे हैं. अगर उनके खिलाफ सीबीआई जांच होती है तो कई अन्य मामले भी सामने आएंगे.
भारती गर्ग ने कहा कि अनुज एक अच्छे भले व्यवसायी थे लेकिन मंत्री मदन कौशिक ने उनकी संपत्ति हड़प कर उन्हें सड़क पर ला दिया है. अनुज शारीरिक रूप से भी अस्वस्थ हैं, ऐसे में परिवार के भरण-पोषण में भी उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है.