मंदिर मुद्दे पर लौटी सरकार

श्रीराजेश

 |  03 Jan 2020 |   47
Culttoday

विश्व हिंदू परिषद की अहम बैठक के बाद उनका कुछ बयान आने से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने ऐलान कर दिया है कि मंदिर निर्माण शीघ्र आरंभ हो जायेगा. पर सच तो यह है कि मौजूदा एनआरसी और एनपीआर तथा सीएए की उलझनों से निकलने के लिये उन्हें इस तरफ आना पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण के लिए जिस ट्रस्ट को तीन महीने में बनाने की ज़िम्मेदारी सरकार को सौंपी थी उसका अभी कोई नामलेवा नहीं है. राम जन्मभूमि विवाद पर नौ नवम्बर को दिए अपने फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने में ट्रस्ट बनाने को कहा है. इस ट्रस्ट का काम मंदिर निर्माण और उसके बाद मंदिर की देखरेख होगा. ट्रस्ट में मंदिर निर्माण सेवा के लिए अलग समिति होगी. यह समिति ही मंदिर निर्माण के काम को देखेगी.  सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया आधा से ज़्यादा वक्त निकल चुका है बावजूद इस के अभी नामों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. 9 फरवरी तक ट्रस्ट बन जाना चहिये और जब ट्रस्ट बनेगा तभी मंदिर निर्माण समिति भी. सलाहकार मंडल के नाम तय हो गए हैं. इसमें प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री रहेंगे सरकार के समक्ष सबसे बड़ा सवाल यह है कि ट्रस्ट का अध्यक्ष किसे बनाए, क्योंकि इस एक पद के कई दावेदार हैं. यह तय है कि ट्रस्ट के निर्माण तक सारे अधिकार केंद्र सरकार के पास रहेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ट्रस्ट में बीजेपी की हिस्सेदारी नहीं होगी यानी बीजेपी का कोई नेता इसमें शामिल नहीं होगा. आरएसएस ट्रस्ट में संगठन के तौर पर शामिल नहीं होगा. हालांकि संघ के प्रतिनिधि ट्रस्ट में शामिल हो सकते हैं. अयोध्या एक्ट 1993 के तहत चैप्टर-2 सेक्शन-6 में कहा गया है कि केंद्र सरकार चाहे तो अपनी शर्तों पर प्रबंधन की ज़िम्मेदारी किसी ट्रस्ट को दे सकती है.

वर्ष में दो बार विश्व हिंदू परिषद की एक गवर्निंग काउंसलिंग की जून महीने में और उसके बाद फिर दिसंबर या जनवरी माह में बैठक होती है. विश्व हिंदू परिषद के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज और गवर्निंग काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक बंगलुरु में 30 दिसंबर को खत्म हुयी. बैठक में  राम मंदिर निर्माण को लेकर चिंतन मंथन ही नहीं बल्कि निर्माण की प्रक्रिया और उसमें विहिप की भूमिका को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ. विश्व हिंदू परिषद ने यह साफ कर दिया है कि राम मंदिर निर्माण रामनवमी से शुरू होने की चर्चा भले ही हो  लेकिन निर्माण की तिथि धार्मिक अनुष्ठानों के अनुसार शुभ मुहूर्त में ही होगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने विश्व हिंदू परिषद के इस बयान के आने से पहले ही कहा कि,  संतों की साधना व्यर्थ नहीं जाती है और अब अयोध्या में जल्द ही भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा. जाहिर है सरकार विश्व हिंदु परिषद को आगे आने देना नहीं चाहती. पर इस खींचतान में मुख्य लक्ष्य छूटा जा रहा है यह मंदिर निर्माण की राह देखने वाले देख रहे हैं. 


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