नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक में भारत का समग्र अंक जहां 2018 में 57 था, 2019 में इसमें तीन अंकों की वृद्धि हुई है और यह सूचकांक 60 पर पहुंच गया है. कुल सूचकांक में सुधार के बावजूद भूख को समाप्त करने के सतत विकास लक्ष्य के मामले में भारत की प्रगति सबसे खराब रही है. 2018 में देश का कुल स्कोर 48 अंक था, जो 2019 में गिरकर 38 अंक हो गया है.
मुख्य रूप से – जल एवं स्वच्छता, सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा, उद्योग, नवाचार, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भारत का प्रदर्शन बेहतर रहा, लेकिन एसडीजी स्कोर कार्ड को गहराई से देखने से पता चलता है कि कम से कम छह एसडीजी लक्ष्यों पर देश की प्रगति में गिरावट आई है. ये हैं - एसडीजी 1 (गरीबी से मुक्ति), एसडीजी 2 (शून्य से मुक्ति), एसडीजी 8 (निर्णय कार्य और आर्थिक विकास), एसडीजी 10 (असमानता से मुक्ति), एसडीजी 15 (जमीन पर जीवन) और एसडीजी 16 (शांति, न्याय और मजबूत संस्थाएं).
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने रिपोर्ट में कहा, “2018 में जारी एसडीजी इंडिया इंडेक्स में 13 लक्ष्यों को शामिल किया गया था, लेकिन 2019 में सभी 17 लक्ष्यों को शामिल किया गया है.
कुल सूचकांक में सुधार के बावजूद भूख को समाप्त करने के सतत विकास लक्ष्य के मामले में भारत की प्रगति सबसे खराब रही है. 2018 में देश का कुल स्कोर 48 अंक था, जो 2019 में गिरकर 38 अंक हो गया है. अक्टूबर 2019 में जारी वैश्विक भूख सूचकांक 2019 में भी भारत के इस पहलू पर खराब प्रदर्शन का उल्लेख किया गया था. इस सूचकांक में 117 प्रमुख देशों में भारत का स्थान 102वां था.
नीति आयोग का सूचकांक बताता है कि 25 राज्य भूख एवं कुपोषण के लक्ष्य को हासिल करने में विफल साबित हो रहे हैं. 100 में से 22 अंकों के साथ झारखंड ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है. मध्य प्रदेश (24 अंक) और बिहार (26 अंक) भी प्रदर्शन करने में विफल रहे हैं. लक्ष्य हासिल करने में विफल रहने वाले अन्य राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, राजस्थान, मेघालय, उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं.
भले ही गोवा ने 76 के स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर रहा, लेकिन उसका कुल स्कोर भी 4 अंक हो गया. वास्तव में शीर्ष 10 प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से 5 ने इस साल भी अपने समग्र अंकों में गिरावट दर्ज की है. ये छह राज्य हैं- मणिपुर, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर.
इसके अलावा सतत विकास लक्ष्य के तहत देश में 5 साल से कम आयु वर्ग के कमजोर बच्चों की संख्या 2.5 फीसदी होनी चाहिए, लेकिन भारत में उनकी संख्या 34.7 फीसदी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से देश को खाद्यान्न उत्पादन में अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है और यह भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है.
नीति आयोग की यह रिपोर्ट कहती है कि गरीबी को समाप्त करने और लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है,क्योंकि देश गरीबी खत्म करने के लक्ष्य से 4 अंक नीचे 54 से 50 पर फिसल गया है. 22 राज्य लक्ष्य के मुताबिक अपनी गरीबी कम नहीं कर पाए हैं.
लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर राष्ट्र भी फिसल गया है. गोवा 100 में से सिर्फ 19 अंक के साथ अंतिम स्थान पर है. वह पिछले साल के मुकाबले 31 अंक नीचे पहुंच गया है.