कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि देश के 50 प्रतिशत गरीबों को अविलंब 7500 रुपये डीबीटी के माध्यम से दिये जाए. साथ ही छोटे उद्योगों के लिए भी राहत पैकेज का एलान किया जाए.
राहुल गांधी ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि अब मोदी सरकार को लॉकडाउन खोलने की नीति की जानकारी जनता को देनी चाहिए. जनता को बताना जरूरी है कि किस परिस्थिति में लॉकडाउन खोला जाएगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान काफी कुछ बदल गया है. यह समय राजनीति करने का नहीं है लेकिन हम लगातार सरकार को सुझाव देते रहे है और आगे भी देंगे.
प्रवासी मजदूरों की परेशानी पर उन्होंने कहा कि सरकार को सभी को अपने घर जाने के लिए पूरी व्यवस्था करनी चाहिए. फिलहाल देश में आपातकाल जैसे हालात हैं. न्याय योजना की मदद से लोगों के हाथ में पैसा देना चाहिए. इससे 65 हजार करोड़ रुपए का खर्च सरकार पर आएगा लेकिन लोगों के हाथों में पैसा पहुंच जाएगा. हमें तुरंत भारत के 50 फीसदी सबसे गरीब लोगों को 7500 रुपये देने की जरूरत है.
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार को देशवासियों को यह बताना चाहिए कि वह कोविड-19 से लड़ने के लिए किस तरह का प्लान तैयार कर रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण जून-जुलाई के बाद अगस्त और सितंबर तक तेज भी हो सकता है. हम जानते हैं की कोरोना संक्रमण बड़ी समसस्या है. लेकिन इसे एकजुटता और सतर्कता के साथ हराया जा सकता है. आज कोई आरएसएस, भाजपा या कांग्रेस का नहीं है. हर किसी को एक हिंदुस्तानी की तरह खड़ा होना पड़ेगा और लड़ना होगा. हर किसी को इस डर के माहौल को खत्म करना है. वरना ये लॉकडाउन नहीं हटेगा.
राहुल गांधी ने कहा कि आज जिस स्तर पर हिंदुस्तान खड़ा है वह सामान्य परिस्थितयां नहीं हैं. इसके लिए कोई सामान्य हल नहीं निकलेगा. जब तक इस लड़ाई को हम राज्यों तक और राज्यों से जिले तक नहीं ले जाएंगे इसे नहीं जीता जा सकता है. केवल पीएमओं से कोविड-19 की लड़ाई नहीं जीती जा सकती है. पीएम को राज्यों के सीएम पर भरोसा करना होगा. वहीं राज्यों के सीएम को जिले के कलेक्टर पर तब जाकर इस लड़ाई को आसानी से लड़ा जा सकेगा. अगर हम इसे केंद्रीकृत करते हैं, तो बहुत दिक्कत होगी.
राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार को लोगों को बताना चाहिए कि आखिर हो क्या रहा है. अभी ये महामारी खतरनाक हो गई है. इसके लिए सरकार को राज्यों के साथ मिलकर रणनीति बनानी होगी. लॉकडाउन के दौरान बदलती परिस्थितयां के बीच अब लॉकडाउन को खोलने की आवश्यकता है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोगों की नौकरी खोने की सुनामी आ जाएगी.आरोग्य सेतु एप के सवाल पर राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार को सिंगापुर के एप की तर्ज पर इस एप को भी ओपन सोर्स करना चाहिए. सभी को इंटर्नल प्रोग्राम बताने की जरूरत है. सरकार को पारदर्शिता के साथ इस एप पर काम करना चाहिए.
कांग्रेस शासित राज्यों की दिक्कतों के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज राज्यों को यह लड़ाई लड़ने के लिए पैसे की आवश्यकता है लेकिन उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से पैसा नहीं मिल रहा है. सभी राज्यों की इस वक्त अपनी-अपनी परेशानी है.
हमारी मांग है कि मनरेगा में मजदूरी के दिनों को भी बढ़ाया जाना चाहिए. इसके अलावा हमें छोटे और बड़े व्यापारियों का भी ध्यान रखना होगा. दोनों आपस में जुड़े हैं.