पारा गिरते ही नए पीक पर चढ़ेगा कोरोना संक्रमण

जलज वर्मा

 |  18 Oct 2020 |   275
Culttoday

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना के कई देशों में फैलने के चीन के दावे को खारिज कर दिया है. उन्होंने साफ किया कि चीन के इस दावे को साबित करने का कोई सबूत नहीं है. ध्यान देने की बात है कि हर्षवर्धन विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी मंडल के अध्यक्ष भी हैं. वहीं नीति आयोग से सदस्य और कोरोना पर गठित एक्सपर्ट पैनल के प्रमुख डाक्टर वीके पॉल के अनुसार सर्दियों के मौसम में कोरोना संक्रमण के नए पीक पर पहुंच सकता है.

गौरतलब है कि लंबे समय तक कोरोना वायरस का सच पूरी दुनिया से छुपाए रखने और विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद से अन्य देशों को गुमराह करने का आरोप झेल रहा चीन पहले भी वायरस के मूल स्त्रोत को लेकर बरगलाने की कोशिश करता रहा है. इसके पहले चीन ने कोरोना वायरस के अमेरिका में पनपने और उसके खिलाडि़यों के साथ बुहान में पहुंचने की बात कह चुका है.

लेकिन चीन के इन दावों को अभी तक किसी ने तवज्जो नहीं दी है. पिछले दिनों चीन नया शगूफा छोड़ा कि कोरोना वायरस एक साथ दुनिया के कई देशों में पनपा था. लेकिन हर्षवर्धन ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया. हर्षवर्धन की बात की अहमियत इसलिए ज्यादा है कि क्योंकि वे विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी मंडल के अध्यक्ष हैं.

त्योहारी सीजन के दौरान राज्यों को सचेत करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि जरा सी भी लापरवाही कोरोना के खिलाफ मिली बढ़त को काफी पीछे धकेलने के लिए काफी होता है. केरल शुरू में कोरोना को रोकने में काफी हद तक सफल रहा था और केरल मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही थी.

उन्होंने कहा कि 30 जनवरी से तीन मई तक सिर्फ 499 लोग कोरोना पोजिटिव पाए गए थे और केवल दो लोगों की मौत हुई थी. लेकिन ओणम के दौरान बरती गई लापरवाही भारी पड़ी और आज केरल तीन लाख 34 हजार से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित पाए जा चुके हैं, जिनमें 96 हजार से अधिक सक्रिय मरीज हैं. हर्षवर्धन ने बताया कि कोरोना से संबंधित पैकेज की दूसरी किस्त के तहत 1352 करोड़ रुपये जारी किये गए हैं.

त्योहारी सीजन और सर्दियों के कारण कोरोना के मामलों के फिर से बढ़ने की आशंका गहरा गई है, इसे रोकने के लिए ही केंद्र सरकार ने जन-जागरण अभियान शुरू किया है. डाक्टर वीके पॉल के अनुसार सर्दियों के शुरू होते ही यूरोप में नए सिरे से कोरोना के केस बढ़ने शुरू हो गए हैं. जाहिर है भारत में ऐसी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. उनके अनुसार एक बार वैक्सीन तैयार हो जाने के बाद उसके वितरण में कोई समस्या नहीं आएगी और भारत के पास पर्याप्त मात्रा में कोल्ड स्टोरेज क्षमता मौजूद है और उन्हें आसानी से बढ़ाया भी जा सकता है.

देश के विभिन्न डाक्टरों और विशेषज्ञों की बात पर मुहर लगाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी कहा अखबार को कोरोना संक्रमण से मुक्त बताया. कोरोना के डर से अखबार नहीं पढ़े जाने का दर्द साझा करने वाले एक पाठक के सवाल का जवाब देते हुए हर्षवर्धन ने साफ किया कि 'समाचार पत्र पढ़ना कोविड-19 महामारी के दौरान भी पूरी तरह सुरक्षित है.' हर्षवर्धन ने कहा कि 'ऐसा कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, जो साबित कर सके कि समाचार पत्रों से नोवल कोरोना वायरस का प्रसार होता है.'


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